वर्धा जिला क्रीड़ा विभाग एवं कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जिला युवा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में महात्मा गांधी हिंदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अनेक पुरस्कार जीत कर परचम लहराया। जिला युवा महोत्सव का आयोजन 30 नवंबर को जिला क्रीड़ा संकुल के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य युवा पुरस्कार प्राप्त सारंग रघाटाटे ने किया। उद्धाटन समारोह में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी बी.एस. मिरगे, जिला क्रीड़ा अधिकारी अविनाश पुंड, हिंदी विवि. के वर्धा समाजकार्य संस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. शिव सिंह बघेल, प्रगति संगीत विद्यालय के संचालक जीवन बांगडे, वर्धा कला महोत्सव के अध्यक्ष संदीप चिचाटे, लॉयन्स क्लब वर्धा के अध्यक्ष आशीष पोहाने, तालुका क्रीड़ा अधिकारी संजय कथळकर, कृषि अधिकारी अर्चना गोरे मंचासीन उपस्थित थे। युवा महोत्सव में लोकनृत्य, लोकगीत, कथालेखन, पोस्टर, भाषण, फोटोग्राफी, पथनाट्य, रंगोली, हस्तकला, वस्त्रोद्योग एवं कृषि उत्पादों से संबंधित 12 प्रकार की प्रतियोगिताएं एवं उपक्रमों का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के पुरस्कारों का वितरण गुरुवार 30 नवंबर को किया गया। इन प्रतियोगितायों में हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सबसे अधिक पुरस्कार हासिल किए। भाषण एवं फोटोग्राफी स्पर्धा का प्रथम पुरस्कार हिंदी साहित्य विभाग के देवब्रत दुबे को मिला। जनसंचार विभाग की वेदिका मिश्रा को भाषण एवं फोटोग्राफी का द्वितीय तथा लोकगीत (एकल) स्पर्धा का तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। जनसंचार विभाग के विवेक रंजन सिंह को लोकगीत (एकल) एवं कथा लेखन स्पर्धा का द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कथा लेखन में हिंदी साहित्य विभाग के अजय पोद्दार को प्रथम तथा हिंदी साहित्य विभाग के ही ओंकार नरेश बुढे को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक, गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शिव सिंह बघेल ने विद्यार्थियों को बधाई दी है। विजेताओं को नागपुर में 05 दिसंबर को आयोजित विभागीय युवा महोत्सव में आयोजित प्रतियोगितायों में सहभागिता करने का मौका मिलेगा। विजेताओं को क्रीड़ा अधिकारी संदीप खोब्रागडे, हिंदी विवि के जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे एवं कृषि अधिकारी अर्चना गोरे के हाथों पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन क्रीड़ा अधिकारी संदीप खोब्रागडे ने किया तथा आभार भोजराज चौधरी ने माना। महोत्सव में परीक्षक के तौर पर शैलेश जगताप, मुकेश लुतडे, किरण खडसे, खुशबू कठाणे ने भूमिका निभायी। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए रवि काकडे, विश्राम बोकडे, नानाजी टेकाम आदि ने सहयोग प्रदान किया।
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