*लखनऊ की पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया के मातृ शोक पर शोक संवेदना प्रकट करने देश के रक्षामंत्री और लखनऊ से सांसद श्री राजनाथ सिंह जी रविवार को संयुक्ता भाटिया के सिंगार नगर स्थित आवास पर पहुंचे। उन्होंने पूर्व महापौर से मुलाकात कर शोक संवेदनाएं प्रकट की और शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया।*
उनके साथ ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी, महानगर अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी, MLC मुकेश शर्मा, MLC राम चन्दर प्रधान ने भी आवास पर पहुंचकर संयुक्ता भाटिया की पूज्य माताजी को पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर संयुक्ता भाटिया के पुत्र प्रशान्त भाटिया, पुत्रवधू रेशू भाटिया, पौत्र दक्ष सहित अन्य पारिवारिक सदस्यगण उपस्थित रहे।
पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने देश के रक्षा मंत्री मा० राजनाथ सिंह से मांग की कि –
*विभाजन की भयावह विभीषिका के कारण जिन परिवारों ने सब कुछ खोया, उनको शत्रु सम्पत्ति के साथ ही वक्फ बोर्ड के वर्तमान स्वरूप में उचित अर्थात न्यायोचित प्रतिनिधित्व दिलाया जाये।*
पत्र में भारत विभाजन की त्रासदी का जिक्र करते हुए पूर्व महापौर ने लिखा कि भारत विभाजन के समय अनगिनत हिन्दु परिवारों को भारत से विलग किये गये पाकिस्तानी भूभाग (पंजाब और सिंध) से हिंसा के बल पर लूट, आगजनी और नरसंहार के माध्यम से खदेड़ दिया गया था।
*हमारा पूरा परिवार भी पीड़ित परिवारों में सम्मिलित था जिसे अपनी सारी सम्पत्ति छोड़ने और अपना घर बार छोड़ने के लिए विवश किया गया। पूज्य माताजी स्वर्गीय अनुसुइया गिरोत्रा जिन्होंने अखण्ड भारत से लेकर विभाजन की विभीषिका तक का दंश झेलते हुए स्वाधीनता के अमृत काल तक अपने जीवन के सार्थक 99 वर्षों की यात्रा पूर्ण की, विगत दिनों दिव्य धाम के लिए प्रस्थान किया। श्रीमती अनुसुइया जी विभाजन के पूर्व वर्तमान समय में पाकिस्तान के पंजाब राज्य के झंग जिले के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में सम्मिलित थीl उनके साथ ही मैं स्वयं (संयुक्ता भाटिया) भी इस विभीषिका का दंश झेलते हुए दो साल रिफ्यूजी कैंप में जैसे तैसे समय बिताने के बाद किसी तरह अपने पिताजी से मिल पायी थी। ऐसे लाखों परिवारों के लोग इसी दंश को झेलते हुए भारत आये।*
श्रीमती भाटिया ने कहा कि *भारत से जो मुसलमान उस ओर गये उनकी सम्पत्ति हमारे देश की सरकारों ने शत्रु सम्पत्ति के नाम से संरक्षित रखी। ऐसा सीमा पार से भारत आये हिन्दुओं की सम्पत्ति के प्रति पाकिस्तानी सरकारों ने नहीं किया। उल्टे वक्फ के नाम पर भारत की अकूत सम्पत्ति हथिया ली गयी।*
यह संयोग नहीं अपितु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आप जैसे राजनीतज्ञों की गंभीर सोच का परिणाम है कि वक्फ बोर्ड के विधानों में व्यापक संशोधन किये गये हैं।
*पूर्व महापौर ने आगे लिखा कि विभाजन की भयावह विभीषिका के कारण जिन परिवारों ने सब कुछ खोया, उनको शत्रु सम्पत्ति के साथ ही वक्फ बोर्ड के वर्तमान स्वरूप में उचित अर्थात न्यायोचित प्रतिनिधित्व दिलाया जाये। यह समय की मांग भी है।*
उन्होंने लिखा कि भारत न्याय और धर्म के नैतिक प्रावधानों का आदर करने वाले संविधान से चलने वाला देश है। ऐसे देश में लम्बे समय से सीमापार से भगाये गये हिन्दुओं को शरणार्थी बता कर अपमानित किया जाता रहा है। मान्यवर आपने और आदरणीय श्री मोदी जी ने यह पीड़ा अनुभव की और सभी को उचित सम्मान दिलाया।
पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने इस सम्बन्ध में रक्षा मंत्री मा० राजनाथ सिंह को पत्र सौंपा, जिसमें भारत के बंटवारे के समय उपजी स्थिति से पाकिस्तान छोड़कर भारत आये हिन्दु समाज की छूटी सम्पत्ति के सम्बन्ध में विस्तार से लिखा है।