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भारतीय मसालों की गौरलपूर्ण गाथा पूरी दुनिया में कही और लिखी जानी चाहिए- पीयूष गोयल

भारत के मसाले पूरे विश्व में पसंद किये जाते हैं और ये हमारी जानी-मानी व्यापारिक सामर्थ्य के साथ-साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाते हैं

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा पुराने स्पाइस रूट के गौरव को वापस लेकर आने का एक बेहतरीन अवसर है

साल 2030 तक 10 अरब डॉलर के मसाला निर्यात का लक्ष्य हासिल करने के लिए साथ में मिलकर काम करन है

टीटू ठाकुर मुम्बई।

हमें एक बार फिर भारतीय मसालों का वही पुराना आकर्षण वापस लेकर आना है जो दुनिया भर में फैला हुआ था। भारत अब अपने दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्थान से संतुष्ट नहीं है और हमें मसाला उद्योग जगत में वैश्विक रूप से अग्रणी बनना है। यें बातें वर्ल्ड स्पाइस कांग्रेस में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने नवी मुंबई में कही।

 

 

श्री पीयूष गोयल ने इस समारोह के दौरान भी प्रदान किए।

श्री गोयल ने निर्यात में मूल्य संवर्धन के माध्यम से मसाला उद्योग का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मसाला उद्योग के हितधारकों से 2030 तक निर्यात के लिए मौजूदा 4 अरब डॉलर से 10 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
श्रीगोयल ने कहा कि इस लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से सभी को मौजूदा बाजारों के विस्तार के साथ-साथ विस्तारित मूल्य संवर्धन के माध्यम से नए बाजारों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर सहयोग करने की आवश्यकता होगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने यह सुझाव भी दिया कि दुनिया भर में मसालों की बढ़ती खपत को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर में रहने वाले भारतीय मूल के 35 मिलियन लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया जाए।

श्री पीयूष गोयल ने मसाला उद्योग के साझेदारों से समावेशिता की दिशा में प्रयास करने और पर्याप्त उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को सहयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने भारतीय मसालों के लिए प्रमाणित ब्रांड वैल्यू बनाने के महत्व पर भी चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री ने 7 साल के अंतराल के बाद वर्ल्ड स्पाइस कांग्रेस आयोजित करने के लिए स्पाइस बोर्ड को बधाई दी और वर्ष 2024 में दिल्ली में मसाला उद्योग की एक विश्व स्तरीय प्रदर्शनी, संगोष्ठी व सम्मेलन आयोजित करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बोर्ड से सभी को आमंत्रित करने के लिए आग्रह किया और कहा कि इस आयोजन के माध्यम से उद्योग जगत के धुरंधरों और विश्व को भारत की क्षमताओं को परखने का मौका मिलेगा।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय मसालों की गाथा पूरी दुनिया में कही और लिखी जानी चाहिए। आइए देखें कि कैसे हमारी दादी-नानी के नुस्खे दुनिया के लिए इलाज बन सकते हैं। आइए भारत को मसालों का पसंदीदा स्रोत बनाएं और शेष विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करें। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी एक टीम के रूप में मिलकर कार्य करें तो हम वाणिज्य एवं निर्यात की दुनिया को प्रोत्साहित कर सकते हैं। श्री गोयल ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों से अपील करते हुए कहा कि आइए हम मसालों के जादू से दुनिया को मंत्रमुग्ध करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस जादू को संरक्षित रखें।

 

इस अवसर पर भारत सरकार में अपर सचिव एवं मसाला बोर्ड के अध्यक्ष अमरदीप सिंह भाटिया, भारत सरकार के विदेश व्यापार विभाग में अपर सचिव और महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी, स्पाइस बोर्ड के सचिव के डी साथियान, स्पाइस बोर्ड में निदेशक (विपणन) बशिष्ठ नारायण झा, दुनिया भर से आए उद्योग पेशेवर, उत्पादक, व्यापारी, संसाधक, निर्यातक तथा नियामक भी उपस्थित थे।
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वर्ल्ड स्पाइस कांग्रेस के बारे में जानकारी
वर्ल्ड स्पाइस कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) वास्तव में वैश्विक मसाला उद्योग का समूह है, जो अपनी तीन दशक लंबी उपस्थिति के दौरान इस क्षेत्र की चिंताओं तथा विचारों पर विचार-विमर्श करने के लिए सबसे उपयुक्त मंच बन चुका है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में विभिन्न व्यापार और व खाद्य सुरक्षा पहल, हालिया विकास, चिंताओं एवं भविष्य की संभावनाओं पर मसाला उद्योग के प्रमुख कारोबारियों- दुनिया भर के उत्पादकों, व्यापारियों, संसाधकों, निर्यातकों और नियामकों द्वारा विस्तार से चर्चा तथा विचार-विमर्श किया जाता है।

स्पाइस बोर्ड इंडिया के बारे में

स्पाइस बोर्ड (भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत) भारतीय मसालों के विकास और विश्वव्यापी प्रचार के लिए कार्यरत मुख्य संगठन है। स्पाइस बोर्ड भारतीय निर्यातकों तथा विदेश में आयातकों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय कड़ी की तरह है। यह भारतीय मसालों की उत्कृष्टता के लिए विभिन्न गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें मसाला उद्योग जगत के हर वर्ग को शामिल किया गया है। स्पाइस बोर्ड ने अपनी विकास एवं प्रचार रणनीतियों के लिए गुणवत्ता और स्वच्छता को प्रमुख स्तंभ बनाया हुआ है।

 

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