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सहारा हास्पिटल के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टरों की टीम नित नए मुकाम हासिल कर निरंतर लोगों को सफल इलाज प्रदान कर रही है- अनिल विक्रम

सीतापुर के निवासी 30 वर्षीय संदीप नाम के मरीज की किचन में आटा मशीन में काम के दौरान अचानक से ध्यान भटक गया और ध्यान भटकने से उनका हाथ मशीन में चला गया जिससे उनकी हाथ की उंगली जिसे अनामिका कहते हैं तुरंत कट गई। आनन फानन में वही के कार्यरत स्टाफ तुरंत उन्हें इमरजेंसी की तरफ ले गए और उनकी उंगली सहित डॉक्टर के पास जब पहुंचे तो डाक्टर ने तुरंत ही उन्हें भर्ती कराया और भर्ती करने के दौरान जरूरी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की गई तत्पश्चात उन्हें ऑपरेशन के लिए ले गए जहां पर उनको त्वरित उपचार करके उनकी उंगली को ऑपरेशन से सहारा हॉस्पिटल के अनुभवी व कुशल विशेषज्ञ प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर रोमेश कोहली ने जोड़ दिया।
यह बेहद जटिल सर्जरी थी परन्तु समय न गंवाते हुए मरीज ने तुरन्त ही इलाज करवाने के लिए सम्पर्क किया जिसकी वजह से उनका इलाज सम्भव हो सका और मरीज की उंगली जोड़ी जा सकी । डाक्टर कोहली ने बताया कि अममून ऐसे केसेज में मरीज अक्सर देर से पहुंचते हैं जिसकी वजह से उन्हें अपने अंग को हमेशा के लिए खोना पड़ता है। अगर घटना के छः घंटे की भीतर मरीज को इलाज मिल जाए तो उनके अंग को प्रयास से सफलतापूर्वक बचाया जा सकता है।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे अभिभावक सहाराश्री जी ने अपने जीवन काल में विश्वस्तरीय हास्पिटल के निर्माण का जो स्वप्न देखा था उसे सभी सहारा हॉस्पिटल की टीम निरंतर पूरा करने में प्रयासरत हैं। श्री सिंह ने कहा कि सहारा हॉस्पिटल में टीम का हर सदस्य का परिवार की तरह ख्याल रखा जाता है इसीलिए तुरंत ही हास्पिटल के कर्मचारी की उंगली के कटते ही तुरंत ही इलाज सुविधा मुहैया कराई गई। यहां के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टरों की टीम नित नए मुकाम हासिल कर निरंतर लोगों को सफल इलाज प्रदान कर रही है।

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