विश्वविद्यालय के कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा आशा आर्मी स्कूल, रेस कोर्स रोड़, कैन्ट, लखनऊ में एक दिवसीय दिव्यांगता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें आशा आर्मी स्कूल, रेस कोर्स रोड़, कैन्ट, लखनऊ की प्रधानाचार्या पारूल प्रिया जैन अन्य शिक्षकगण के साथ उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्य को पुष्प-गुच्छ भेंट कर किया गया। तत्पश्चात् अनुप्रिया त्रिपाठी, डिमांस्ट्रेटर (सं0), कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा दिव्यांगता के प्रारम्भिक लक्षण एवं कृत्रिम अंग एवं प्रत्यंग की महत्ता के विषय पर प्रस्तुति देकर विद्यार्थियों को जानकारी दी गई साथ ही उन्हें प्रोस्थेटिक्स एवं आर्थाेटिक्स क्षेत्र में स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी गई तथा दिव्यांगता/पुनर्वास के क्षेत्र में भविष्य बनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
इसके अतिरिक्त स्थिर प्रंजयन बिसवाल, सहा0 आचार्य (सं0) एवं सृष्टि सिंह, डिमांस्ट्रेटर (सं0), कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र द्वारा दिव्यांगता के प्रारम्भिक लक्षणों (चलन दिव्यांगता, सेरेब्रल पेल्सी आदि) की पहचान हेतु विद्यार्थियों के पैर तथा रीढ़ की हड्डी का परीक्षण भी किया गया।
जिसमें कुल 53 विद्यार्थियों में दिव्यांगता प्रारम्भिक लक्षण दिखाई दिये। जिन विद्यार्थियों में प्रारम्भिक लक्षण दिखाई दिये, उन्हें कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र में उपलब्ध सुविधा को प्रदान कर उचित उपचार किया जायेगा।
उक्त कार्यक्रम का आयोजन प्रो0 (डॉ0) आर0 आर0 सिंह, अधिष्ठाता विशेष शिक्षा संकाय तथा डॉ0 रणजीत कुमार, कार्यशाला प्रबन्धक, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन तथा गार्गी खरे, सहा0 आचार्य (सं0), कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र के समन्वयन में किया गया।