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किसी दूसरे का जीवन बचाने के लिए अंगदान करने से बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती – डॉ. मनसुख मांडविया

अंगदान रजिस्ट्री की शुरूआत

8,000 लोगों ने अंगदान करने का संकल्प लिया
जीवित रहते हुए रक्तदान करें और मरने के बाद अंग दान करें

इरफान खान आगरा

किसी और की जिंदगी बचाने के लिए अंग दान करने से बड़ी मानव सेवा कोई नहीं हो सकती। जीवित रहने पर रक्त दान करने और मृत्यु के बाद अंग दान करे। अंग दान करने के लिए पंजीकरण करने के लिए, केवल आधार संख्या और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर ही आवश्यक है। ये बातें अंगदान की शपथ दिलाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आगरा के जीआईसी ग्राउंड में कही।

अंग प्रत्यारोपण के बाद नियमित दवाओं और जांच की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “सरकार ने अंग प्रत्यारोपण कराने वाले सभी गरीब लोगों को प्रति माह 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है।” उन्होंने आगे कहा, उनके नियमित चेक-अप की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होने यह भी बताया कि 2024 के अंत तक देश के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ऑर्गन रिट्राइवल की व्यवस्था कर दी जाएगी।

एक वीडियो संदेश के माध्यम से, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने हमेशा नागरिकों के स्वास्थ्य और भलाई को सर्वाेच्च महत्व दिया है। अंग दान प्रतिज्ञा पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ष्एक अंग दान करने से दूसरे व्यक्ति को नया जीवन मिल सकता हैष्। उन्होंने उपस्थित लोगों को अपने अंग दान करने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि यह संदेश पूरे देश में गूंजे।

प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने लोगों के जीवन को बचाने में अंग दान के महत्व पर प्रकाश डाला। इस बात पर अफसोस जताते हुए कि देश में केवल 2 प्रतिशत लोगों को ही अंग प्रत्यारोपण की सुविधा मिल पाती है,

उन्होंने कहा कि 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर, 2023 तक चलेगा। आयुष्मान भव अभियान जिसका उद्घाटन 13 सितंबर, को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया था, जिसका उद्देश्य पूरे देश में स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और समावेशिता को फिर से परिभाषित करना है उसे पूरे देश और सम्पूर्ण समाज को ध्यान में रखकर ‘सेवा पखवाड़ा’ के दौरान लागू किया जाएगा। सेवा पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य भौगोलिक बाधाओं को पार करते हुए हर गांव और कस्बे तक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज का विस्तार करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पीछे न छूटे।

इस तरह के सहयोग का लक्ष्य अपने तीन घटकों आयुष्मान – आपके द्वार 3.0, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर आयुष्मान मेलों और हर गांव और पंचायत में आयुष्मान सभाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज को परिपूर्णता प्रदान करना है

आयुष्मान आपके द्वार 3.0 इस पहल का उद्देश्य पीएम-जेएवाई योजना के तहत नामांकित शेष पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान करना है, यह सुनिश्चित करना कि अधिक व्यक्तियों की आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच हो।

एचडब्ल्यूसी और सीएचसी में आयुष्मान मेले आयुष्मान भारत- एचडब्ल्यूसी और सीएचसी में ये मेले एबीएचए आईडी (स्वास्थ्य आईडी) बनाने और आयुष्मान भारत कार्ड जारी करने की सुविधा प्रदान करेंगे। वे शीघ्र निदान, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, विशेषज्ञों के साथ टेली-परामर्श और उचित रेफरल भी प्रदान करेंगे।

आयुष्मान सभाएँ प्रत्येक गाँव और पंचायत में ये सभाएँ आयुष्मान कार्ड वितरित करने, एबीएचए आईडी बनाने और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं और गैर-संचारी रोगों, तपेदिक (निक्षय मित्र), सिकल सेल बीमारी, साथ ही रक्तदान और अंग दान अभियान जैसी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ।

आयुष्मान भव अभियान का लक्ष्य सभी स्वास्थ्य योजनाओं की परिपूर्णता कवरेज सुनिश्चित करना है। यह सरकारी क्षेत्रों, नागरिक समाज संगठनों और समुदायों को एक साझा मिशन के तहत एकजुट करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी असमानता या बहिष्कार के आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक , उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री वर्चुअली शामिल हुए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पोषण मंत्री बेबी रानी मौर्य स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल; स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव विशाल चौहान; स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंकिता मिश्रा बुंदेला; राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) में निदेशक डॉ अनिल कुमार, एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास; राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) में अतिरिक्त सीईओ डॉ बसंत गर्ग, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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