Breaking News

मंहगाई की आग को रोकने के लिए खुल बाजार में 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री

पूजा श्रीवास्तव

चावल, गेहूं और आटे के खुदरा मूल्यों को नियंत्रित करने के बाजार उपाय के रूप में कंेद्र सरकार की पहल के अंतर्गत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की गई है। वर्ष 2023-24 की 11वीं ई-नीलामी दिनांक 06.09.2023 को आयोजित की गई। पूरे देश में 500 डिपो से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री की पेशकश की गई।

ई-नीलामी में 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल बेचा गया। एफएक्यू गेहूं के लिए भारित औसत विक्रय मूल्य 2169.65 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि इसका पूरे देश में आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल था। यूआरएस गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2150.86 रहा जबकि इसका आरक्षित मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था।

चावल का भारित औसत विक्रय मूल्य 2956.19 रुपए प्रति क्विंटवल था, जबकि देशभर में इसका आरक्षित मूल्य 2952.27 रुपए प्रति क्विंटल था।

ई-नीलामी की वर्तमान किश्त में एक खरीदार के लिए गेहूं की अधिकतम 100 टन और चावल की 1000 टन तक की पेशकश करके इनके खुदरा मूल्यों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। यह निर्णय छोटे और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से आवश्यक मात्रा के लिए बोली लगा सकें।

गौरतलब है कि गेहूं और चावलों की कीमतें फुटकर बाजारा में आसमान को आज भी छू रही है घरेलु दुकानों पर आटे की न्यूनतम कीमत 35 और चावल की कीमत 40 रुपय प्रति किलोग्राम है जबकि केंद्र सरकार लगातार कीमतें कम करने का प्रयास कर रही है लेकिन किये गये प्रयास विफल हो रहे है क्योंकि फुटकर की कीमतों में कमी नही दिख रही है जबकि सस्ते गल्ले की खुली निलामियां लगा हो रही है। वह कौन लोग है जो इन कीमतों को निचले स्तर पर जाने नही दे रहे है।
स्टॉक की जमाखोरी रोकने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के अंतर्गत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों की नियमित जांच/निरीक्षण किया जा रहा है। दिनांक 05.09.23 तक देशभर में ऐसी 898 जांच की जा चुकी हैं।

 

About ATN-Editor

Check Also

INCENTIVIZING MANUFACTURERS OF EVs

Posted On: 11 MAR 2025 4:12PM by PIB Delhi Government concurs that by incentivizing manufacturers …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *