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मंहगाई की आग को रोकने के लिए केंद्र ने अपने 2316 बोलीदाताओं के माध्यम से खुला बाजार में 2.85 एलएमटी गेहूं और 5180 मीट्रिक टन चावल बेचा

हनुमंत दास गुप्ता

चावल, गेहूं और आटा के खुदरा मूल्य को नियंत्रित करने के लिए बाजार हस्तक्षेप प्रक्रिया में सरकार की पहल के तहत गेहूं और चावल की साप्ताहिक ई-नीलामी की जाती है। 20वीं ई-नीलामी की गई, जिसमें खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत 3 लाख मिट्रिक टन गेहूं और 2.25 लाख मिट्रिक टन चावल की पेशकश की गई थी और 2316 बोलीदाताओं को 5180 मीट्रिक टन चावल के साथ 2.85 एलएमटी गेहूं बेचा गया। ये जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में दी।
पैन इंडिया में 2150 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य की तुलना में फेयर एवरेज क्वालिटी गेहूं के लिए भारित औसत बिक्री मूल्य 2327.04 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि यूआरएस गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2243.74 रुपये प्रति क्विंटल था।
इसके अतिरिक्त आवंटित गेहूं को आटे के लिए और भारत आटा ब्रांड के अंतर्गत जनता को बिक्री के लिए 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर बेचने के लिए 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं आवंटित किया गया। इसकी बिक्री ओएमएसएस (डी) के अंतर्गत अर्ध-सरकारी और सहकारी संगठनों जैसे केन्द्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नेफेड द्वारा 07.11.23 तक की गई। ये 3 सहकारी समितियां 6051 मीट्रिक टन गेहूं उठा चुकी हैं ताकि इसे आटा में बदला जा सके। व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 07-11-23 तक देश भर में 1851 औचक निरीक्षण किए गए हैं।

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