Breaking News

त्रिवेणी प्रसाद दुबे की चार पुस्तकों का हुआ लोकार्पण  

 

लखनऊ, 7 जुलाई 2024। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘ नवसृजन ‘ के तत्वावधान में आज हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में पूर्व वन संरक्षक एवं वरिष्ठ साहित्यकार त्रिवेणी प्रसाद दूबे ‘मनीष’ द्वारा लिखित चार पुस्तकों के लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया।

समारोह में प्रो. (डॉ.) वी. जी. गोस्वामी (पूर्व अधिष्ठाता-विधि विभाग, ल.वि.वि.), मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) उषा सिन्हा (पूर्व अध्यक्ष भाषा विज्ञान विभाग, ल. वि. वि.), विशिष्ठ अतिथि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी (पूर्व सलाहकार सदस्य योजना आयोग, भारत सरकार), डाॅ. हरिशंकर मिश्र, अशोक कुमार पाण्डेय, देवेश द्विवेदी और डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ने पूर्व वन संरक्षक त्रिवेणी प्रसाद दूबे मनीष (भारतीय वन सेवा) द्वारा लिखित चार पुस्तकों हिन्दी निबन्ध संग्रह ‘प्रकृति, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव’, ‘हिन्दी भाषा और साहित्य’, काव्य संग्रह ‘त्रिवेणी की कुण्डलियाँ’ और हिन्दी बाल गीत संग्रह ‘भोला बचपन’ का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर उषा सिन्हा ने कहा कि त्रिवेणी प्रसाद दूबे की सृजन यात्रा अविराम प्रवहमान है। इनका हिंदी भाषा पर पूर्ण अधिकार है, जिसका परिणाम उनकी सभी कृतियों में विषयानुसार, संदर्भानुसार बोधगम्य, प्रांजल, संप्रेषणीय भाषा एवं प्रवाहपूर्ण शैली का प्रयोग दृष्टिगत होता है। त्रिवेणी की सभी कृतियां गागर में सागर के समान है। विशिष्ठ अतिथि डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी ने अपने सम्बोधन में कहा कि त्रिवेणी प्रसाद दूबे एक ऐसे वरिष्ठ साहित्यकार हैं, जिनका गद्य और पद्य पर समान अधिकार है। डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा मृदुल ने कहा कि त्रिवेणी प्रसाद दूबे बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। भारतीय वन सेवा में अधिकारी रहे मनीष के जीवनानुभव बहुत व्यापक हैं। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में विपुल साहित्य का सृजन किया है।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. वी. जी. गोस्वमी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मनीष लेखन के क्षेत्र में विभिन्न आयाम स्थापित कर रहे हैं। आप कठिन विषयों को बड़ी सरलता से प्रस्तुत करने में

सिद्धहस्त हैं। डॉ. हरिशंकर मिश्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि त्रिवेणी प्रसाद दूबे को साहित्य सृजन की नैसर्गिक प्रतिभा प्राप्त है। इन्होंने हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं को समृद्ध किया है। विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार पांडेय ‘अशोक’ ने कहा कि त्रिवेणी प्रसाद दूबे की अब तक अट्ठाईस कृतियों प्रकाशित हो चुकी हैं, उनमें कहानी, लेख, उपन्यास, नाटक, कविता, गीत एवं दोहा संग्रह आदि है।

मुख्य वक्ता पर डॉ. शिवमंगल सिंह ‘मंगल’ ने कृति भोला बचपन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, ‘भोला बचपन’ वरिष्ठ साहित्यकार त्रिवेणी प्रसाद दूबे ‘मनीष की अट्ठाईसवीं हिन्दी कृति तथा प्रथम बालगीत संग्रह है। इसके सभी गीत बच्चों के लिए मनोरंजक होने के साथ-साथ प्रेरक और मार्गदर्शक भी हैं। कृति “प्रकृति, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव पर मंजू सक्सेना ने कहा कि “प्रकृति, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव निबंधों की एक ऐसी ही ज्ञानवर्धक पुस्तक है जिसमें त्रिवेणी प्रसाद दूबे ‘मनीष’ जी ने १७ लेखों में प्रकृति और प्राकृतिक संपदा का बहुत विस्तार से वर्णन किया है। साहित्यकार डॉ. सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी पथिक’ ने ‘त्रिवेणी की कुण्डलियाॅं’ पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि त्रिवेणी के छन्दों की भाषा सहज, सरल और प्रवाहपूर्ण हैं। भावगत और शिल्पगत सूजन पूर्णतः परिपक्व है।

मुख्य वक्ता डॉ. सुधा मिश्रा ने कृति ‘हिन्दी भाषा और साहित्य पर कहा कि हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने की दृष्टि से कृति अत्यन्त उपयोगी, ज्ञानवर्द्धक एवं संग्रहणीय है। इस अवसर पर त्रिवेणी प्रसाद दूबे ‘मनीष’ ने लोकार्पित कृतियों पर अपने विचार साझा कर अपनी चारों कृतियों के कुछ अंश प्रस्तुत किये। इस अवसर पर राम प्रकाश शुक्ल, मनु बाजपेयी, प्रेम शंकर शास्त्री, विशाल मिश्र, मुकेश मिश्र, विजय कुमारी भौर्य, मन्जू सक्सेना, श्वेता शुक्ला सहित तमाम साहित्यसुधी श्रोता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ योगेश और धन्यवाद ज्ञापन अनिल किशोर शुक्ल ने दिया।

About ATN-Editor

Check Also

The Indira Gandhi Planetarium, Lucknow, operated under the Council of Science & Technology, Uttar Pradesh …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *