Breaking News

केंद्रीय बजट 2025रू नवाचार, बुनियादी ढांचे और समावेशी विकास के माध्यम से वृद्धि को गति देगा सीआईआई

 

 

 

 

केंद्रीय बजट 2025-26 भारत के आर्थिक रूपांतरण के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत करता है, जिसमें नवाचार, उद्यमिता और बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूत प्रोत्साहन दिया गया है। एमएसएमई के लिए बढ़ा हुआ समर्थन, कौशल विकास पर ध्यान और शहरी परिवर्तन पहल औद्योगिक वृद्धि और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, विशेष रूप से उत्तर भारत में। सीआईआई इन रणनीतिक उपायों का स्वागत करता है और सरकार के साथ मिलकर उनके तेज कार्यान्वयन के लिए काम करने की उम्मीद करता है, जिससे अर्थव्यवस्था अधिक प्रतिस्पर्धी और समावेशी बन सके।

 

 

 

श्रीमती स्मिता अग्रवाल, चेयरपर्सन, सीआईआई उत्तर प्रदेश और निदेशक एवं सीएफओ, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने बताया की संघीय बजट 2025 एक बेहतरीन और संतुलित कदम है, जो भारत की आर्थिक प्रगति के लिए रास्ता तैयार कर रहा है। कृषि जिले कार्यक्रम के जरिए किसानों को मदद मिलने से ग्रामीण इलाकों में सतत विकास होगा। डैडम् और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी बढ़ाना एक सही कदम है, जिससे छोटे बिजनेस अपने निवेश और विस्तार के लिए और ज्यादा प्रेरित होंगे। घरेलू विनिर्माण, खासकर लेदर, फुटवियर और खिलौने जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने से भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और लाखों नई नौकरियां मिलेंगी। इसके साथ ही, कोबाल्ट पाउडर, सीसा, जस्ता और लिथियम-आयन बैटरियों के स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी की छूट भारत को स्वच्छ ऊर्जा और बैटरी निर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

 

 

 

उत्तर प्रदेश, जो अब औद्योगिक विकास, शहरी सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रहा है, इन सुधारों से बहुत फायदा उठाएगा और भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण हिस्से के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत करेगा। इस बजट से साफ हो जाता है कि सरकार आत्मनिर्भरता, हरे विकास और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैद्य

 

 

 

डॉ. उपासना अरोड़ा, उपाध्यक्ष, सीआईआई उत्तर प्रदेश और प्रबंध निदेशक, यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने कहा की भारत का भविष्य इनोवेशन और वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में है, और यह बजट उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्प्ज्े का विस्तार, 10,000 नई मेडिकल सीटें और ।प् सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हमारे युवाओं को स्किल्ड बनाएगी और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। ₹1 लाख करोड़ का अर्बन चौलेंज फंड हमारे शहरों को और बेहतर बनाएगा, जिससे गवर्नेंस, नगर सेवाओं और शहरी प्लानिंग में सुधार होगा। वहीं, उड़ान स्कीम के जरिए दूर-दराज के इलाकों को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़कर वहां भी आर्थिक अवसर बढ़ाए जाएंगे।

 

 

 

साथ ही, इस बजट में सामाजिक सशक्तिकरण पर भी जोर दिया गया है। ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ और ‘पोषण 2.0’ के लिए बढ़ी हुई फंडिंग से माताओं और बच्चों को बेहतर पोषण मिलेगा, जिससे उनका स्वास्थ्य सुधरेगा। स्किल डेवलपमेंट और रोजगार प्रोत्साहन पर फोकस युवाओं को नए मौके देगा, जिससे वे बेहतर करियर बना सकें और देश की ग्रोथ में योगदान दें।

 

 

 

इसके अलावा, 36 लाइफ-सेविंग दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में छूट और 6 अहम दवाओं पर 5ः की रियायती ड्यूटी हेल्थकेयर को और सस्ता और सुलभ बनाएगी।

 

 

 

कुल मिलाकर, यह बजट सुधार, इन्वेस्टमेंट और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के बीच एक सही बैलेंस बनाता है और देश को आगे ले जाने के लिए एक मजबूत रोडमैप देता है।

 

 

 

बजट की सराहना करते हुए, माधव सिंघानिया, अध्यक्ष, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र और डिप्टी एमडी और सीईओ, जेके सीमेंट लिमिटेड, ने कहा, “केंद्रीय बजट 2025 एक व्यावहारिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो एक सुदृढ़ और वैश्विक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। सब्जियों, फलों और श्री अन्ना के लिए समग्र कार्यक्रम कृषि विविधीकरण को उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर ले जाएगा, जिससे पोषण सुरक्षा और किसानों के लिए बेहतर आय के अवसर सुनिश्चित होंगे।”

 

 

 

उन्होंने आगे कहा, “निजी क्षेत्र के निवेश को प्राथमिकता देकर और एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करके, यह बजट सतत औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करता है। एमएसएमई के लिए ऋण उपलब्धता में वृद्धि, राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना, कर संरचना का सरलीकरण और लक्षित विनिर्माण प्रोत्साहन उद्यमिता और नवाचार को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करेंगे। सरकार की मजबूत बुनियादी ढांचे की पहल और तेज शहरी विकास योजनाएं भी परिवर्तनकारी सिद्ध होंगी। यह दूरदर्शी बजट समावेशी विकास और आर्थिक गति के बीच संतुलन स्थापित करता है और ‘विकसित भारत’ की मजबूत नींव रखता है।”

 

 

 

सतत और स्मार्ट विकास की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, संजय कपूर, उपाध्यक्ष, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र और अध्यक्ष, सोना कॉमस्टार, ने कहा, “केंद्रीय बजट 2025 सतत शहरी विकास, बुनियादी ढांचा आधुनिकीकरण, मानव संसाधन विकास और निवेश अनुकूल वातावरण के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन सौर पीवी, इलेक्ट्रोलाइज़र और ग्रिड-स्केल बैटरियों सहित विभिन्न उद्योगों के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करेगा। 10,000 करोड़ रुपये का विस्तारित ‘फंड ऑफ फंड्स’ स्टार्टअप्स को आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा, जिससे नवाचार और उद्यमिता को बल मिलेगा। 1 लाख करोड़ रुपये का ‘अर्बन चौलेंज फंड’ और बेहतर बुनियादी ढांचा सहायता आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और शहरी जीवन को और बेहतर बनाएगा।”

 

 

 

उन्होंने आगे कहा, “संशोधित ‘उड़ान’ योजना के तहत 120 नए गंतव्यों को जोड़ने से व्यापार, पर्यटन और निवेश की संभावनाओं को बल मिलेगा। अटल टिंकरिंग लैब्स, राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र और आईआईटी विस्तार जैसी पहल भारत के युवाओं को भविष्य के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेंगी। इलेक्ट्रिक वाहन (म्ट) घटकों और महत्वपूर्ण खनिजों पर मूल सीमा शुल्क में छूट के साथ-साथ मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करेगी। संपूर्ण रूप से, यह बजट भारत को वैश्विक विनिर्माण, गतिशीलता और स्वच्छ प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।”

 

 

 

सीआईआई चंडीगढ़ के अध्यक्ष और उषा यार्न्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, अनुराग गुप्ता, ने सरकार के आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने की सराहना करते हुए कहा, “विनिर्माण, निर्यात और कृषि के लिए लक्षित समर्थन भारत की आर्थिक गति को तेज करेगा। बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को बढ़ावा, उच्च मूल्य निर्माण के लिए प्रोत्साहन और ‘भारत ट्रेडनेट’ डिजिटल व्यापार मंच वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करेंगे। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और विस्तारित ऋण सुविधा जैसी कृषि-केंद्रित पहल उत्पादकता और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देंगी, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता की राह और मजबूत होगी।”

 

 

 

नावेश नरूला, अध्यक्ष, सीआईआई हिमाचल प्रदेश और निदेशक, टेस्ना टेक प्राइवेट लिमिटेड, ने बजट में तकनीकी और नवाचार को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा, “बजट में तकनीक और नवाचार पर दिया गया विशेष ध्यान भारत के डिजिटल और औद्योगिक भविष्य के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान एवं विकास (त्-क्) के लिए 20,000 करोड़ रुपये की निधि और एआई उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना नवाचार को तेज करेगी, उत्पादकता बढ़ाएगी और भारत की वैश्विक तकनीकी नेतृत्व को सशक्त बनाएगी। ये दूरदर्शी उपाय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देंगे, रोजगार सृजन को बढ़ाएंगे और भारत को उभरती हुई प्रौद्योगिकियों और अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र बनाएंगे।”

About ATN-Editor

Check Also

पीएनबी ने पिछली तीन तिमाहियों में एक 1,30,000 हजार करोड रुपए का कॉरपोरेट लोन दिया है-एमडी एंड सीईओ अशोक चंद्र

पीएनबी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 102.8 फीसदी बढ़ा डी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *