कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया।
जीवीएसएम मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक लोगों को स्थानीय स्तर पर इन विशिष्ट सेवाओं को लेने में सक्षम करेगा, जिससे उनका बहुमूल्य समय और संसाधन बचेंगे
प्रधानमंत्री का सपना है कि एआईआईएसएच मैसूर की तर्ज पर पूरे देश में एआईआईएसएच संस्थान स्थापित किए जाएं
पिछले 10 वर्षों में हुई प्रगति जैसे एम्स की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 करना, मेडिकल कॉलेजों, एमबीबीएस और पीजी सीटों को दोगुना करना और अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियां भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र के परिवर्तन की तीव्र गति को उजागर करती हैं
पूजा श्रीवास्तव
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उत्तर प्रदेश के कानपुर गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कानपुर में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग (एआईआईएसएच) सैटेलाइट सेंटर की आधारशिला भी रखी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार, उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शिक्षा, परिवार कल्याण एवं मातृ तथा शिशु देखभाल राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, अकबरपुर, कानपुर से संसद सदस्य देवेन्द्र सिंह भोले और कल्याणपुर, कानपुर से विधान सभा सदस्य नीलिमा कटियार भी उपस्थित थीं।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के उद्घाटन पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, डॉ मांडविया ने कहा, “यह सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक लोगों को 12 सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करता है, जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर इन विशेष सेवाओं को लेने में मदद मिलेगी, जिससे उनका बहुमूल्य समय और संसाधनों की बचत होगी।” उन्होंने आगे कहा, कानपुर में एआईआईएसएच सेंटर उत्तर भारत का पहला ऐसा अत्याधुनिक सेंटर होगा, जो न केवल डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेगा बल्कि लोगों की देखभाल भी करेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री का सपना है कि एआईआईएसएच मैसूर की तर्ज पर पूरे देश में एआईआईएसएच संस्थान स्थापित किए जाएं। उन्होंने कहा, यह देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य के संपूर्ण पहलू को बदलने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है। डॉ. मांडविया ने कहा, “देश में एम्स की संख्या 6 से बढ़कर 23 हो गई है, मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 710 हो गई है, जन औषधि केंद्र 10,000 से अधिक हो गए हैं और एमबीबीएस और पीजी को दोगुना करने जैसी अन्य समान उपलब्धियां हासिल हुई हैं।” आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.60 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की सीटें और स्थापना भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हो रही तीव्र प्रगति को रेखांकित करती है।
उत्तर प्रदेश के लिए की गई स्वास्थ्य देखभाल पहल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है, जहां दो एम्स हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। डॉ. मांडविया ने उत्तर प्रदेश में अन्य क्षेत्रों में किये जा रहे विकास कार्यों की भी सराहना की।
पृष्ठभूमि
जीवीएसएम मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत 200 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। 270 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में न्यूरो-रेडियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, ऑर्थाेपेडिक आर्थ्राेप्लास्टी, प्लास्टिक और बर्न, गैस्ट्रो सर्जरी, एंडोक्रिनोलॉजी, बाल चिकित्सा सर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, पेन-एंड-पैलिएटिव मैनेजमेंट और पीएमआर सहित 12 विभाग होंगे। यह 30 आईसीयू बेड और 8 ऑपरेशन थिएटर सहित आधुनिक सुविधाओं से भी सज्जित होगा।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एसएसबी
कानपुर में एआईआईएसएच सैटेलाइट सेंटर स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी, ऑडियोलॉजी, संभाषण विकार की रोकथाम, टेली-मूल्यांकन और पुनर्वास को संभालने वाले चार विशिष्ट विभाग होंगे। इसके चालू होने के बाद हर साल 15,000 मरीजों को इलाज मिलने की उम्मीद है।