युवाओं को हुनरमंद बनाने में जुटी योगी सरकार, एआई आधारित लक्ष्य आवंटन से कौशल विकास को नई दिशा
2025-26 में यूपी कौशल विकास मिशन ने किया रिकॉर्ड लक्ष्य आवंटन, औद्योगिक मांग के अनुरूप तैयार होगी भविष्य की कार्यशक्ति
पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जनपदवार विश्लेषण कर लक्ष्य आवंटन, औद्योगिक इकाइयों की भागीदारी बढ़ाकर सेवायोजन को बनाया और मजबूत
आवासीय प्रशिक्षण को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 36 प्रतिशत किया गया, आकांक्षी जनपदों और विकासखंडों को शत-प्रतिशत प्रशिक्षण केंद्रों से आच्छादित किया गया
महिला और दिव्यांग प्रशिक्षणार्थियों के लिए क्रमश: 33 प्रतिशत और 5 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य, ड्रोन, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, ग्रीन जॉब्स जैसे आधुनिक कोर्स को दी जा रही प्राथमिकता
लखनऊ,।
योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के युवाओं को हुनरमंद और रोजगारोन्मुख बनाने के लक्ष्य के साथ लगातार नीतिगत सुधार कर रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रिकॉर्ड लक्ष्य आवंटन किया गया है। इस बार लक्ष्य निर्धारण की प्रक्रिया को पहले से ज्यादा वैज्ञानिक और तकनीकी आधारित बनाया गया है। प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल के निर्देशन में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए जनपदों की औद्योगिक मांग, उपलब्ध संसाधनों, सेवायोजन क्षमता और पूर्व उपलब्धियों का गहराई से विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर जनपदवार प्रशिक्षण प्रदाताओं को लक्ष्य प्रदान किए गए।
प्रमुख सचिव डॉ. हरि ओम और मिशन निदेशक पुलकित खरे के मार्गदर्शन में इस बार हर प्रशिक्षण प्रदाता को अधिकतम पांच जनपदों तक सीमित किया गया है, ताकि कुछ संस्थानों का वर्चस्व न रहे और क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। आकांक्षी जनपदों और ब्लॉकों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें शत प्रतिशत प्रशिक्षण केंद्रों से आच्छादित किया गया है। जहां पिछले वर्ष आवासीय प्रशिक्षण मात्र 1 प्रतिशत था, उसे बढ़ाकर 36 प्रतिशत कर दिया गया है क्योंकि ऐसे प्रशिक्षण में छात्रों की उपस्थिति और गुणवत्ता बेहतर देखी गई है। वहीं, औद्योगिक इकाइयों की भागीदारी को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 47 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण और बेहतर सेवायोजन सुनिश्चित हो सके।
पहली बार इन्वेस्ट यूपी के सहयोग से प्रदेश में स्थापित होने वाली बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं की भविष्य की मांग का आकलन कर लक्ष्य तय किए गए हैं। इससे समय पर कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हो सकेगा। जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) की मदद से सेवायोजन क्षमता और रोजगार की आवश्यकताओं का भी विश्लेषण कराया गया। इस बार टाटा द्वारा आच्छादित आईटीआई संस्थानों में भी अल्पकालीन कोर्स को शामिल किया गया है।
प्रशिक्षण प्रदाताओं के लिए महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य किया गया है ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके। इस बार ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डिजिटल टेक्नोलॉजी, कंटेंट क्रिएटर, ग्रीन जॉब्स और सोलर एनर्जी जैसे भविष्य के उपयोगी कौशलों को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ-साथ सीपेट, UPICO जैसी विशिष्ट संस्थाओं को भी कुल 810 लक्ष्यों का आवंटन कर युवाओं को नई दिशा देने की पहल की गई है।