देश के ग्रामीण क्षेत्र के कामगारों, हस्तशिल्पियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं विपणन का अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, केंद्र सरकार लखनऊ द्वारा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, विशाल खंड, लखनऊ में राज्य स्तरीय खादी एवं पीएमईजीपी प्रदर्शनी का आयोजन 28 नवंबर से 09 दिसंबर 2024 तक किया जा रहा है।
प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में कारीगरों/शिल्पियों द्वारा तैयार उत्पादों को बढावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना है। प्रदर्शनी में 100 स्टालों के माध्यम से उत्तर प्रदेश एवं देश के अन्य आठ राज्यों से लगभग 29 खादी एवं ग्रामोद्योगी संस्थाएं एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापित लघु औद्योगिक इकाईयां अपने उत्पादों की बिक्री/प्रदर्शनी कर रही हैं।
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन ललित कुमार फतेचन्द शाह, विशेषज्ञ सदस्य (मार्केटिंग), खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार के कर कमलों से सम्पन्न किया गया।
प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए ललित कुमार फतेचन्द शाह, विशेषज्ञ सदस्य द्वारा बताया गया कि खादी ग्रामोद्योग योजनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश के हर बेरोजगार को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार कृत संकल्प है। इसके लिए भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत लघु उद्योगों की स्थापना कर उद्यमिता को बढावा देते हुए उत्तर प्रदेश में गत वित्तीय वर्ष 93,096 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया, जिसके लिए लगभग राशि रू. 430.92 करोड़ का अनुदान राशि भारत सरकार द्वारा दिया गया है, जिससे 11,637 नई स्थापित हुईं । परम्परागत कारीगरों को ग्रामोद्योग विकास योजना के अन्तर्गत जोड़कर प्रशिक्षण के उपरान्त टूल किट्स वितरित किये जा रहे हैं, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है।
राज्य निदेशक, डॉ. नितेश धवन द्वारा बताया गया कि प्रदर्शनी में उ0प्र0 राज्य के अतिरिक्त अन्य आठ राज्यों के खादी और ग्रामोद्योग आयोग तथा खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा वित्तपोषित/प्रमाणित खादी ग्रामोद्योगी संस्थाऐं, इकाईयां, हस्तशिल्पियों, आरईजीपी/पीएमईजीपी इकाईयों तथा स्फूर्ति क्लस्टरों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। उ0प्र0 राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्यों उत्तराखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान तथा जम्मू कश्मीर के उद्यमियों द्वारा लगभग 100 स्टाल लगाये गये हैं।
इस बार दो राज्य स्तर की प्रदर्शनियों को मिलाकर संयुक्त रूप से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया हैं, जिससे वृहद स्तर पर उद्यमियों को एक मार्केटिंग प्लैटफ़ार्म दिया जा सके। प्रदर्शनी के दो थीम पवेलियन भी बनाए गए हैं, जिसकी थीम “पिछले एक दशक में खादी यात्रा : आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य की प्राप्ति” रखी गई है। इस प्रकार के आयोजन निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में सहायक सिद्ध होंगे ।
खादी ब्राण्ड के उत्पाद जैसे कि सदरी, कुर्ता, शर्ट, कोट, कम्बल एवं कोशा साड़ी, चन्देरी साड़ी, सिल्क साड़ियाँ इत्यादि कई प्रकार की खादी की साड़ियाँ प्रर्दशनी में ब्रिकी के लिये विशेष रूप से 20 से 25 प्रतिशत तक डिस्काउन्ट में उपलब्ध हैं। इसके अलावा ग्रामोद्योगी उत्पाद जैसे हर्बल टी, मसाले, अचार, आंवला मुरब्बा, आर्युवैदिक उत्पाद, हर्बल कास्मेटिक्स उत्पाद जैसे-साबुन, शैम्पू, सुगन्धित तेल, उबटन, मेंहदी आदि, साथ ही हैण्डीक्राफ्ट उत्पाद विशेष रूप से बंगाल के हस्त निर्मित वुडेन वाल पेन्टिंग, खिलौने इत्यादि भी प्रर्दशनी में विशेष आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
प्रदर्शनी में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
उद्घाटन कार्यक्रम में डॉ. नितेश धवन, राज्य निदेशक, रोहित जिनीवाल, उप महाप्रबन्धक (एस.एल.बी.सी.), डॉ. उज्ज्वल कुमार, मुख्यपालक अधिकारी (उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड), इत्यादि मौजूद थे।