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सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को स्थानीय रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर मिल रहे— डॉ. प्रवीण सिंह जादौन*

*सहकारिता ग्रामीण विकास का मूल आधार — रमेश लोधी*

*अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत ललितपुर में ‘सहकारी संवाद’ का आयोजन*

ललितपुर

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर आज सहकार भारती, ललितपुर के तत्वावधान में जिला सहकारी बैंक सभागार, ललितपुर में एक दिवसीय ‘सहकारी संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनपद की विभिन्न सहकारी समितियों, कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों तथा युवाओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहकार भारती उत्तर प्रदेश के निवर्तमान प्रदेश महामंत्री एवं उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के निदेशक डॉ. प्रवीण सिंह जादौन रहे। मुख्य अतिथि का स्वागत जिला सहकारी बैंक ललितपुर के सभापति रमेश लोधी सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता आंदोलन की भावना और उसके सामाजिक–आर्थिक महत्व पर चर्चा के साथ हुआ।

अपने संबोधन में डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने कहा कि सहकारिता मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का प्रभावी माध्यम है। भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार किसानों, युवाओं और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु सहकारिता के माध्यम से अनेक योजनाएँ संचालित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियाँ कृषि उत्पादन के साथ–साथ प्रसंस्करण, विपणन, डेयरी, कृषि यंत्र सेवा केंद्र तथा मल्टीपरपज़ समितियों के रूप में ग्रामीण युवाओं के लिए व्यापक रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौड़ के नेतृत्व में प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र तेजी से मजबूत हुआ है। PACS के डिजिटलीकरण, समितियों के आधुनिकीकरण और नए सहकारी उद्यमों की स्थापना से रोजगार सृजन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

जिला सहकारी बैंक ललितपुर के सभापति रमेश लोधी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सहकारिता ग्रामीण विकास एवं आर्थिक उन्नति का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि यदि सहकारी संस्थाएँ पारदर्शिता, अनुशासन और समयबद्ध सेवाओं के साथ कार्य करें, तो किसानों एवं ग्रामीण युवाओं की आजीविका के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।

विशिष्ट अतिथि जिला सहकारी विकास फेडरेशन लि ललितपुर झाँसी की अध्यक्ष बसंती लहरिया ने कहा कि विभाग द्वारा सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु सदस्यता विस्तार, लेखा-व्यवस्था में पारदर्शिता और आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि इनपुट, ऋण सुविधा, विपणन और प्रसंस्करण सेवाओं को और बेहतर बनाना प्राथमिकता है।

अपर जिला सहकारी विकास अधिकारी (सहकारिता) ओ.पी. यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि सहकारिता ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके माध्यम से किसानों तथा युवाओं के आर्थिक विकास को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जनपद की सहकारी समितियों को अधिक सक्षम, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

जनपद की विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने सहकारिता के विस्तार, इसकी उपयोगिता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आ रहे सकारात्मक परिवर्तनों पर अपने विचार रखे। सभी प्रतिभागियों ने सहकारिता को जन-आधारित विकास मॉडल के रूप में आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।

कार्यक्रम में सहकार भारती उत्तर प्रदेश के एफपीओ प्रकोष्ठ के सह संयोजक सुरेन्द्र पस्तोर, जिला विकास सहकारी संघ की अध्यक्ष बसंती लारिया, निदेशक. लाखन सिंह जिला संगठन प्रमुख धर्मसिंह कुशवाहा, जिलाध्यक्ष विभूति भूषण, महामंत्री कुंजबिहारी शर्मा, हरपाल सिंह चंदेल, मनीष श्रीवास्तव,वृजराम पटेल दिनेश नायक सहित विभिन्न सहकारी समितियों के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य तथा बड़ी संख्या में किसान, महिलाएँ और युवा उपस्थित रहे।

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