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वकील साहब ने सहकारिता के आदर्शों में संवेदनशीलता को जोड़ने का काम किया- अमित शाह

टीटू ठाकुर

सहकारिता से समाज को स्वावलंबन की ओर ले जाने में लक्ष्मणराव इनामदार जी का अमूल्य योगदान है, “बिना संस्कार, नहीं सहकार” का नारा देकर वकील साहब ने सहकारिता के आदर्शों में संवेदनशीलता को जोड़ने का काम किया। यें बातें मुंबई विश्वविद्यालय और सहकार भारती द्वारा आयोजित लक्ष्मणराव इनामदार स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई में कही।
उन्होने कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलकर सहकारिता के माध्यम से गरीबों को उनका हक देकर उनके लिए समृद्धि की नई राह, सहकारिता एकमात्र विकल्प है ।

दीप प्रज्वलन के बाद मुंबई विश्वविद्यालय गीत एवं सहकार गीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कुलपति ने मुंबई विश्वविद्यालय में स्थित लक्ष्मणराव इनामदार पीठ की जानकारी दी।
डॉ उदय ने सहकार भारती कि सैद्धांतिक भूमिका में मा. लक्ष्मणराव इनामदार का योगदान प्रकट किया। मुख्यमंत्री जी ने मा. लक्ष्मणराव इनामदार जी के महाराष्ट्र एवं गुजरात के कार्य को उजागर किया।
कार्यक्रम में मंचस्थ केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, कौशल मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा एवं सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति रविंद्र कुलकर्णी, सरकार भारती के अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर एवं महामंत्री डॉ उदय जोशी की गरिमामय उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
सहकारी बैंक, क्रेडिट, हाउसिंग, डेरी, फिशरीज, चीनी मिल प्रतिनिधि सहभागिता के साथ कार्यक्रम में 700 से अधिक उपस्थिति रही।

राज्यपाल जी ने वकील साहब की सादगी भरे सैद्धांतिक जीवन पर मनोगत व्यक्त किया। राष्ट्रगीत के बाद कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

 

 

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