“नोवा अस्पताल के 15 दिवसीय मुफ्त रीढ़ की हड्डी की सर्जरी एवं परामर्श शिविर
पूजा श्रीवास्तव
रीढ़ की हड्डी की समस्याओं को अब सुलझाने में लगता है महज एक से भी कम दिन।
ऑपरेशन के दिन और दूसरे शहर का होता है तो उसको दूसरे दिन छुट्टी कर दी जाती है। यें जानाकारियां नोवा अस्पताल में निःशुल्क एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी परामर्श का पखवाड़े की प्रेसवर्ता के दौरान डाक्टर अचल गुप्ता ने नोवा हास्पिलटल पत्रकारपुरम में कही।
उन्होंने बताया कि नई तकनीकी से एक सेंटीमीटर से कम इस जगह पर आपरेशन होता है जितना कम ऑपरेशन में चीरा लगेगा उतना कम इन्फेक्शन और कम खून का रिसाव होता है।
डाक्टर अचल गुप्ता ने बताया कि निःशुल्क एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के पखवाड़े में लगभग अभी तक 50 रोगी जो कमर दर्द और साइटिका के दर्द से ग्रसित थे, उनको निःशुल्क देखा गया। उन्हीं में से एक का ऑपरेशन भी किया गया तथा वो अब स्वस्थ है।
डा0 गुप्ता ने बताया कि जितनी जल्दी अस्पताल से छुट्टी दे देते हैं जितना का ज्यादा मरीज अस्पताल में रखेगा उतना ज्यादा उसका बिल पड़ेगा इसलिए हम लोगों ने मरीज को स्थानीय मरीज को एक दिन में छुट्टी दे देते हैं बाहर के मरीज को दूसरे से छुट्टी देते हैं।
रोगियों के द्वारा उठाई गई आर्थिक बोझ को और भी कम करने के लिए, नोवा अस्पताल ने सर्जिकल इंटरवेंशन के लिए भारी अनुदान की भीपेशकश की, जिससंे जन साधारण को अत्यंत ही कम एवं उचित दरों पर यह उपचार मिल सके।
शिविर की अविश्वसनीय सफलता का एक चमकदार उदाहरण एक रोगी का मामला था जिसने एंडोस्कोपिक रीढ़ की हड्डी के सर्जरी करवायी, जो कि एक उन्नत और पूर्ण एंडोस्कोपिक रीढ़ की हड्डी की प्रक्रिया रही।
पांच साल पहले रोगी ने रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराई थी, लेकिन साइटिका के दर्द का समाधान न होने के कारण वह अत्यधिक चिंतित था। एक और सर्जरी के लिए डर के कारण, रोगी ने नोवा अस्पताल में दूसरी चिकित्सीय राय डॉ अचल गुप्ता से ली और एक सफल सर्जरी करा कर अपनी बीमारी से निजात पाई।
इस ऑपरेशन के दौरान विशाखापत्तनम से आए डॉ साई दिलीप एवं अलीगढ़ से आए डॉ कौशल भी मौजद रहे, और उन्होंने नोवा हॉस्पिटल और डॉ अचल गुप्ता के इस कदम की सराहना की।
इस मौके पर मेडिटेक सॉल्यूशंस के हेल्थकेयर कंसल्टेंट अशुतोष सोती ने बताया कि 15 दिनों तक डॉक्टर अचल गुप्ता एवं उनकी टीम द्वारा निःशुल्क प्रमार्श प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस शिविर में परामर्श और उपचार जैसी कई सेवाएं शामिल थीं, जांे उन लोगों के लिए एक जीवन रेखा साबित हुई जिन्हें पहले चिकित्सा सहायता के लिये आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही थी।