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आयुर्वेद पर्यावरण को आत्मसात करते हुये मानव जीवन के साथ साथ पशु और पौधों को भी लाभ पहुंचाता है सर्बानंद सोनोवाल

 

केंद्रीय मंत्री ने आयुष मंत्रालय के एक महीने के आयुर्वेद उत्सव अभियान का शुभारंभ किया

8वें आयुर्वेद दिवस की थीम हर दिन सबके लिए आयुर्वेद

चंदन पाण्डेय
आयुष मंत्रालय का उद्देश्य न केवल मानव बल्कि पर्यावरण की भलाई को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद की संभावनाओं का पता लगाना है । यह विषय भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी वसुधैव कुटुंबकम की थीम के अनुरूप है और आयुर्वेद दिवस-2023 के लिए मुख्य विषय मानव-पशु-पौधे-पर्यावरण इंटरफेस पर ध्यान केंद्रित कर एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद के रूप में निर्धारित करना है। यें बातें 8 वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के संबंध में एक महीने तक चलने वाले अभियान का अनावरण के बाद संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नई दिल्ली में कही।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि के सम्मान में पूरे भारत में आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।

मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत में विश्वास करता हुआ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की क्षमता, समग्र उपचार और स्वस्थ जीवन के विज्ञान का उपयोग कर, एक स्वास्थ्य की चिंताओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक क्रांति लाई जा सकती है।

आयुर्वेद के बारे में छात्रों, किसानों और जनता को जागरूक करने के लिए पूरे भारत में एक महीने के समारोहों की योजना बनाई गई है। इस साल का 8वां आयुर्वेद दिवस 10 नवंबर, 2023 को है। आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद दिवस के लिए विभिन्न विषयों को चुना है जिससे कि आयुर्वेद के माध्यम से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान किया जा सके। विभिन्न विषयों का चयन कर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। इससे लोगों में स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ इस मुद्दे की रोकथाम और उपचार में आयुर्वेद की संभावित भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलती है।

सर्बानंद सोनोवाल ने दोहराया कि इस विषय का चयन कृषि-आयुर्वेद को बढ़ावा देने, लोगों को स्वतः भागीदारी के लिए सशक्त और प्रोत्साहित करके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और आयुर्वेद की क्षमता का उपयोग करने के लिए पेशेवरों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ किया गया है। इसमें टिकाऊ कृषि, मानव, पशु, पौधे, वन और जलीय कृषि स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा आदि पर ध्यान केंद्रित करने वाले क्षेत्रों का एक स्पेक्ट्रम शामिल है। यह विषय तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है किसानों के लिए आयुर्वेद, छात्रों के लिए आयुर्वेद और जनता के लिए आयुर्वेद।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि एनएएम के तहत कुल 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 8095 पहले से ही कार्यरत हैं।

महीने भर चलने वाले आयुर्वेद अभियान में आयुर्वेद संस्थानों की प्रदर्शनी, मिनी-एक्सपो, अनुसंधान अध्ययन के शोध परिणामों का प्रसार, मेडिकल कैंप, स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों और कर्मचारियों के लिए जन जागरूकता व्याख्यान, किसानों को आम औषधीय पौधों का वितरण, आम जनता के बीच आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं, आयुर्वेद और द राइडर्स रैली के लिए दौड़, कई अन्य कार्यक्रमों जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे ।

सलाहकार आयुर्वेद आयुष मंत्रालय डॉ. मनोज नेसारी ने आयुर्वेद दिवस समारोह और मुख्य विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) देश भर में फैली अपनी 30 इकाइयों के साथ 2023 में आयुर्वेद दिवस कार्यक्रमों के लिए समन्वय एजेंसी होगी।

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