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30 करोड़ मतदाताओं (91 करोड़ में से) को बैंक और डाकघर अब मतदाता शिक्षा और पहुंच बढ़ाने में ईसीआई की मदद करेंगे

देश भर में बैंकों की 1.6 लाख शाखाओं, 2 लाख से अधिक एटीएम और 1.55 लाख डाकघरों के माध्यम से ईसीआई संदेश व्यापक दर्शकों तक पहुंचेगा

अरुण कुमार

बीते वर्षों में निर्वाचन आयोग द्वारा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनावों का सफल प्रबंधन और संचालन किए जाने के साथ-साथ मतदाताओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि होने के बावजूद चिंताजनक बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 30 करोड़ मतदाताओं (91 करोड़ में से) ने मतदान नहीं किया। मतदान प्रतिशत 67.4 रहा था, जिसमें सुधार लाने को आयोग ने एक चुनौती के रूप में लिया है।

अपनी तरह की विशिष्ट पहल करते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने 2024 के आगामी लोकसभा आम चुनावों से पहले मतदाताओं तक पहुंच और जागरूकता के प्रयास बढ़ाने के लिए में दो प्रमुख संगठनों, भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और डाक विभाग (डीओपी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
यह पहल चुनावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में देश में ईसीआई के अथक प्रयासों की निरंतरता में है।
उल्लेखनीय है कि ईसीआई ने हाल ही में स्कूलों और कॉलेजों के शैक्षिक पाठ्यक्रम में चुनावी साक्षरता को औपचारिक रूप से एकीकृत करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर डाक विभाग के सचिव विनीत पांडे, आईबीए के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता और डाक विभाग, आईबीए और ईसीआई के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

एमओयू के अंतर्गत, आईबीए और डीओपी अपने सदस्यों और संबद्ध संस्थानों/इकाइयों के अपने व्यापक नेटवर्क के माध्यम से जनकल्याण के लिए मतदाता शिक्षा को बढ़ावा देने में सहायता प्रदान करेंगे, नागरिकों को उनके चुनावी अधिकारों, प्रक्रियाओं और पंजीकरण एवं मतदान के चरणों के बारे में जानकारी देते हुए सशक्त बनाने के लिए विभिन्न हस्तक्षेपों को नियोजित करेंगे।

एमओयू की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखत शामिल हैं

सदस्य और संबद्ध संस्थान/इकाइयां अपनी वेबसाइटों पर मतदाता शिक्षा से जुड़े संदेशों को प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगे, जिससे उस पर विजिट करने वालों को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने का मार्गदर्शन मिलेगा।
मतदाता शिक्षा सामग्री को विभिन्न प्रचार चौनलों जैसे सोशल मीडिया और सदस्य संस्थानों के ग्राहक आउटरीच प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा, जिससे हितधारकों और जनता के बीच व्यापक जागरूकता सुनिश्चित होगी।
मतदाता शिक्षा संबंधी संदेश प्रमुख स्थानों पर कार्यालय के बुनियादी ढांचे/परिसरों पर पोस्टर, फ्लेक्स और होर्डिंग्स के रूप में प्रदर्शित किए जाएंगे, जो प्रमुख संपर्क बिंदुओं पर ग्राहकों तक पहुंचेंगे।
आईबीए और डीओपी के तहत सभी सदस्य संस्थान कर्मचारियों और ग्राहकों को मतदाता शिक्षा से संबंधित चर्चाओं और पहलों में शामिल करने के लिए मतदाता जागरूकता मंच स्थापित करेंगे।
आईबीए और डीओपी के कर्मचारियों के नियमित अभिविन्यास कार्यक्रमों में स्वीप संबंधी प्रशिक्षण मॉड्यूल के बारे में संवेदनशील बनाना।
डाक विभाग डाक वस्तुओं पर एक विशेष रद्दीकरण टिकट (मतदाता शिक्षा संदेश अंकित) लगाएगा।

आईबीए और डाक विभाग के साथ यह सहयोग, नागरिकों को उनके चुनावी अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जानकार और जागरूक बनाने के साथ सशक्त बनाकर लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। ठोस प्रयासों के माध्यम से, दोनों संगठन चुनावी प्रक्रिया में जानकार और सक्रिय भागीदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

पृष्ठभूमि 26 सितंबर, 1946 को गठित भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की शुरुआत 22 सदस्यों के साथ हुई थी और अब पूरे देश में इसका 247 सदस्यों का एक मजबूत नेटवर्क है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 90,000 से अधिक शाखाओं और 1.36 लाख एटीएम के साथ अग्रणी हैं, इसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों की 42,000 से अधिक शाखाएं, 79,000 से अधिक एटीएम हैं। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 22,400 से अधिक शाखाओं का योगदान करते हैं, जबकि लघु वित्त और भुगतान बैंक लगभग 7000 शाखाओं और 3000 से अधिक एटीएम का संचालन करते हैं। विदेशी बैंकों की 840 शाखाएं और 1,158 एटीएम हैं, और स्थानीय क्षेत्र बैंकों की 81 शाखाएं हैं। देश भर में 2.19 लाख से अधिक एटीएम के साथ शाखाओं की कुल संख्या 1.63 लाख से अधिक है।

डाक विभाग (डीओपी) 150 से अधिक वर्षों से देश के संचार का आधार रहा है और इसने देश के सामाजिक आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1,55,000 से अधिक डाकघरों के साथ डीओपी के पास दुनिया में सबसे व्यापक रूप से वितरित डाक नेटवर्क है।

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