राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन का व्यापारी सम्मलेन
– 6 विभूतियों को भामाशाह एवं 3 विभूतियों को उद्योग रत्न सम्मान
लखनऊ ।
हिंदुस्तान के देश का किसान अगर अन्नदाता है, तो भारत के विकास की गाथा का हिस्सा देश के करदाता हैं, भारत के विकास का केंद्र बिंदु व्यापारी हैं। यह बात राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के तत्वावधान में आयोजित व्यापारी सम्मलेन एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने रविन्द्रालय प्रेक्षागृह में कही।
उन्होने आगे कहा कि विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र बनाने के लिए उद्योग और व्यापार के बिना कुछ संभव नहीं है। देश की आजादी के स्वतंत्रता आंदोलन में सेठ जमनालाल बजाज, घनश्याम दास बिरला जैसे लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होने कहा कि जब महात्मा गांधी जी ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने का आंदोलन चलाया तब उसमें सबसे अग्रणी भूमिका हिंदुस्तान की बाजारों और व्यापारी भाइयों की थी। 20वीं सदी पश्चिमी देशों की थी लेकिन 21वीं सदी भारत की है, आज ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, उद्योग-व्यापार में हमारी धमक दुनिया देख रही है।
आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कभी भी कोई व्यापारी एक दूसरे का शोषण नहीं करता, हां व्यापार में कुछ समस्यायें भी आती हैं तो इसके लिए संगठन को आगे आना होगा। उन्होने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार व्यापारी समाज है, जहां पहले व्यापारियों में पुरुषों की भागीदारी रहती थी, वहीं आज वर्तमान में महिलाओं की हिस्सेदारी पूरे देश के अंदर 14 प्रतिशत है। आज जितने भी स्टार्टअप बन रहे हैं उसमें 35 प्रतिशत स्टार्टअप की डायरेक्टर-निदेशक महिलाएं हैं। अगर व्यापार और व्यापारी मजबूत होगा तो यह प्रदेश और देश मजबूत होगा। राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन छोटे रिटेल व्यापार से लेकर उद्योगों के लिए निरंतर कार्य कर रहा है तथा उनके व्यापार को बढ़ाने में मदद भी कर रहा है।
समारोह में राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने अपने संबोधन में देश के 11 करोड़ खुदरा व्यापरियों की मूलभूत समस्याओं को महामहिम के सामने रखते हुए खुदरा व्यापार मंत्रालय के गठन की मांग रखी। उन्होंने काफी बड़ी संख्या में व्यापारियों की कर्जदारी का मामला उठाते हुए कहा कि इस समय सरकारी और प्राइवेट माध्यम से क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन काफी संख्या में बांटे जा रहे हैं, इस पर सख्ती से अंकुश लगाने की जरुरत है क्योंकि इसके जाल में फंसकर व्यापारी आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने महामहिम राज्यपाल को एक सुझाव पत्र सौंपा जिसमें जी एस टी का स्लैब कम करने, जी एस टी अदा करने वाले व्यापारियों को जब वे साठ वर्ष से ऊपर या काम करने में अशक्त हो जाएं पेंशन देने ,जी एस टी का सरलीकरण करने, विधान परिषद और राज्य सभा में व्यापारियों को नामित करने प्रदेश के निगमों में व्यापारियों को नामित करने ,दो लाख तक के ऋण माफ करने, ऑनलाइन बिजनेस पर रोक लगाने, व्यापारियों के लिए दैवीय आपदा कोष बनाने की मांग की गई है। अमित गुप्ता ने सभी दलों से अपने मैनीफेस्टो में व्यापारियों का मुद्दा शामिल करने की मांग की। स्वागत भाषण में मुरलीधर आहुजा ने वर्तमान सरकार की सराहना करते हुए कहा कि आज सरकार की सख्ती के कारण व्यापारी भयमुक्त माहौल में व्यापार कर पा रहे हैं।
काशी से आए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहाकि वर्तमान सरकार की वजह से माफियाराज समाप्त हो चुका है और व्यापारियों के अपहरण और वसूली जैसी घटनाएं सुनने में भी नहीं आती हैं।समारोह में राज्यपाल ने भामाशाह रत्न सम्मान से सुधीर हलवासिया, सलिल विश्नोई, अजीत सिंह बग्गा, संतोष गुप्ता ,राजू जयराम और गोविंद बाबू टाटा और उद्योग रत्न सम्मान से मनोज गोयल, मुरलीधर आहूजा और संदीप अग्रवाल को सम्मानित किया।