एमएसएमई को ऋण देने में उदारता दिखाये बैंकिंग सेक्टर
-वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने दो दिवसीय ’उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन’ का किया उद्धाटन
एमएसएमई क्षेत्र को विकसित किये बगैर देश की प्रगति सम्भव नहीं है और राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का सपना भी इस क्षेत्र को बढ़ावा दिये बगैर पूरा नहीं किया जा सकता। यें बातंे ’उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन’ के उद्धाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान ने लखनऊ के एक निजी होटल में कही।
उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सरकारें मिलकर एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिये काम कर रही है। वन ट्रिलियन डालर का सपना एमएसएमई की मदद के बगैर पूरा होना सम्भव नहीं है। इसके बिना देश की तरक्की नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिये सरकार अनेक कदम उठा रही है। राज्य सरकार हर तरह से इस क्षेत्र के साथ खड़ी है। उसकी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश एक उद्यम प्रदेश के रूप में उभरे।
उन्होंने कहा कि कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र एमएसएमई ही है। इसके माध्यम से बहुत बड़ी संख्या में युवाओं को रोजार मिल सकता है। भारत की जीडीपी में एमएसएमई का योगदान 30 प्रतिशत है। जबकि निर्यात में भी उसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत के आसपास है।
श्री सचान ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की सभी 90 लाख से ज्यादा एमएसएमई इकाइयों को सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत कराने के लिये प्रयास कर रही है। सरकार ने ’वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) योजना के जरिये स्थानीय उत्पादों को पूरी दुनिया में पहचान दिलायी है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे पूरे देश की योजना बनाया है। उत्तर प्रदेश में लैंड बैंक बनाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई को सस्ती जमीन दिलवाने के लिये ’प्लेज स्कीम’ शुरू की है। बहुत से लोग एमएसएमई की इस योजना से जुड़ सकते हैं। इसमें जमीन खरीदने की स्टांप कर पर 100 प्रतिशत छूट है। इसके अलावा तमाम तरह की एनओसी दिलाने में भी सरकार मदद कर रही है।
श्री सचान ने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई नीति कई मायनों में अनोखी है। इसमें एक करोड़ तक के एमएसएमई को भी ब्याज में 50 प्रतिशत की सब्सिडी की व्यवस्था है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंडअप, क्रेडिट गारंटी योजना जैसी योजनाएं चलाकर एमएसएमई को मदद दी जा रही है। विपणन सहायता और बाजार तक पहुंच कैसे बने, इसके लिये भी सरकार कदम उठा रही है। ई कॉमर्स मंचों का उपयोग, अंतराष्ट्रीय मेलों में भागीदारी, कौशल विकास के लिये भी काम किया जा रहा है।
इय मौके पर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बैंकिंग सेक्टर का आह्वान करते हुए कहा कि वह कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) को ऋण देने में उदारता बरतें और सहयोगात्मक रवैया अपनाएं ताकि ऋणकृजमा (सीडी) अनुपात बढ़े और अर्थव्यवस्था बेहतर ढंग से आगे बढ़ सके।
उन्होंने कहा कि मेरा विनम्र अनुरोध है कि अगर बैंकिंग क्षेत्र का रवैया सहयोगात्मक होगा तो चीजें बेहतर होंगी। हम क्रय शक्ति बढ़ाना चाहते हैं ताकि अर्थव्यवस्था बेहतर तरीके से चले। हमने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है। हर भारतीय का सपना होना चाहिये कि हम हर तरह से आत्मनिर्भर बनें।
श्री खन्ना ने कहा कि आवश्यकता के हिसाब से मांग तैयार की जाती है। उन्होंने एमएसएमई इकाइयों और स्टार्टअप्स का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे समाज की आवश्यकता को देखते हुए समाधान दें। टेक्नॉलाजी के क्षेत्र में लगातार तरक्की हो रही है। समाज की आवश्यकता को देखते हुए नवोन्मेष पर जरूर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में जब भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में आयी थी तब राज्य का निर्यात वर्तमान से लगभग आधा था। आज राज्य का निर्यात एक लाख 76 हजार करोड़ का है। वर्तमान में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 25 लाख करोड़ है। हमें इस 32 लाख करोड़ तक ले जाना है।
इसके अलावा नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के गवर्नर रिलेशंस इंचार्ज रविकांत शर्मा, एसोचौम बिजनेस फैसिलिटेशन एंड ग्लोबल कॉम्पिटीटिवनेस के सह अध्यक्ष सुधीर पणिक्कसेरी, एसोचौम नेशनल काउंसिल आन लेदर एंड फुटवियर के अध्यक्ष मोतीलाल सेठी, उत्तर प्रदेश विकास परिषद के सह अध्यक्ष अनुपम मित्तल और एसोचौम उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट काउंसिल के सह अध्यक्ष हसन याकूब ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।