सीआईएसएफ ने पिछले कुछ वर्षों में निरंतर सक्रिय ऑपरेशनल ऑरिएनटेशन द्वारा विमानन सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है यें बातें महिपालपुर स्थित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल परिसर के विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए स्थापित किए गए विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र सीआईएसएफ के चार प्रमुख घटक हैं- संचार एवं नियंत्रण केंद्र, घटना प्रबंधन केंद्र, विमानन अनुसंधान केंद्र और डेटा सेंटर है।
गौरतलब है कि परिचालन क्षमता में गुणात्मक विकास के लिए परिचालन अभ्यास, नई तकनीकी खोजों और मानव संसाधनों के विकास के साथ निरंतर गतिशील अनुकूलन की आवश्यकता होती है। वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए, एयरपोर्ट सेक्टर ने नई दिल्ली के महिपालपुर परिसर में एक विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र और विमानन सुरक्षा प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की स्थापना की है। सीआईएसएफ का एयरपोर्ट सेक्टर मुख्यालय, केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की कार्यप्रणाली को पारंपरिक घटना आधारित सूचना संग्रह केंद्र से परिवर्तित कर उपयोगी विश्लेषणात्मक जानकारी इकट्ठी करने और वास्तविक समय में ही कार्रवाई करने की ओर अग्रसर है जिससे हवाई अड्डों की सुरक्षा के संचालन में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
शुरू किए गए विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र सीआईएसएफ में निम्नलिखित चार घटक हैं
संचार एवं नियंत्रण केंद्र
हवाईअड्डों पर बम की धमकी वाली कॉल, वीवीआईपी मूवमेंट, और अन्य प्रमुख घटनाओं और प्री-एमबार्केशन सिक्योरिटी चेक में लगने वाले समय आदि की 24Û7Û365 रिअल टाइम निगरानी।
सभी हवाईअड्डा इकाइयों, बल मुख्यालय/एपीएस मुख्यालय/सेक्टर/जोनल मुख्यालय और बाहरी एजेंसियों व स्टेकहॉलर्डस के साथ संचार, समन्वय और सहयोग के लिए दोतरफा संचार
2) घटना प्रबंधन केंद्ररू हवाई अड्डों से संबंधित तकनीकी उपकरण, जनशक्ति, आकस्मिक योजना, भौगोलिक सूचना प्रणाली और फ़्लोर प्लान व सैंड मॉडल संबंधित प्रासंगिक जानकारी प्राप्त होगी जो किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित निर्णय लेने में मदद करेगी।
3) विमानन अनुसंधान केंद्र इसमें शामिल हैं
अनुसंधान एवं विश्लेषण
नवीनतम तकनीकों का अध्ययन एवं विश्लेषण करना
उपकरणों की थ्रूपुट और दक्षता का अध्ययन करना
विभिन्न हवाई अड्डों में स्थापित बेहतरीन अभ्यास का अध्ययन करना
डेटा एवं रुझान विश्लेषण
हवाई अड्डों पर होने वाली घटनाओं का विश्लेषण
प्रस्थान द्वारों और एसएचए पर भीड़ का विश्लेषण
सॉफ्टवेयर डेवलपमें
डेटाबेस को अपडेट एवं सुरक्षित रखना
सॉफ्टवेयर डेवलेप और परीक्षण करना
सीआईएसएफ कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करना
4) डेटा सेंटररू यह तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं
300 टेरा बाईट स्टोरेज कैपेसिटी
एप्लिकेशन होस्टिंग और डेटाबेस के लिए सर्वर
एमटीएनएल से 50 एमबीपीएस लीज लाइन
वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के माध्यम से हवाई अड्डों की डेटा सुरक्षा
हवाई अड्डों, जोन, सेक्टरों और मुख्यालयों के लिए 110 इंटरकॉम टेलीफोन कनेक्शन की क्षमता वाला आईपी-पीबीएक्स
इस मौके पर सीआईएसएफ के महानिदेशक शील वर्धन सिंह और बल के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।