राष्ट्र निर्माण में आईआईटीआर की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में उपाध्यक्ष सीएसआईआर का व्याख्यान
सीएसआईआर-आईआईटीआर की हीरक जयंती मनाने के लिए, डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पृथ्वी विज्ञान मंत्री एवं उपाध्यक्ष, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने संस्थान का दौरा किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने संस्थान की विभिन्न सुविधाओं जैसेनमो-अटल केंद्रीय विश्लेषणात्मक अनुसंधान, रेफरल सामग्री सुविधा और बायोनेस्ट के संचालन केंद्र का उद्घाटन किया।
हीरक जयंती के अवसर पर मंत्री ने सीएसआईआर-आईआईटीआर पर एक डाक टिकट जारी किया।
मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने प्रमाणित संदर्भ सामग्री) की तकनीक को गुरुग्राम स्थित लैब्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया। इसके अलावा, ओनीर जल कीटाणुशोधन उपकरण पर रुचिपत्र कोयंबटूर स्थित कॉनवे वाटर प्यूरीफायर प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर सीएसआईआर-आईआईटीआर ने दो नए उत्पाद भी लॉन्च किए जो वाणिज्यिक तैनाती के लिए तैयार हैं। इनमें सेन्ज़ स्कैन और आपातकालीन आहार शामिल हैं।
केंद्रीय मत्री ने संस्थान द्वारा पिछले 6 दशकों से की जा रही विविध अनुसंधान एवं विकास गतिविधियांे पर कहा ।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि वैज्ञानिक, अनुसंधान विद्वान और कर्मचारी बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर काम करेंगे और पर्यावरण और स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान ढूंढेंगे।
डॉ. सिंह ने उम्मीद जताई कि सीएसआईआर-आईआईटीआर समाज के सभी वर्गों को संभालेगा और उनका समर्थन करेगा और आत्मनिर्भर और सक्षम भारत के उस दृष्टिकोण को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसे देश के प्रधानमंत्री हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ भारत में ही विकसित भारत संभव है और इसलिए सीएसआईआर-आईआईटीआर जैसे अनुसंधान संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस अवसर पर बोलते हुए सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने सीएसआईआर-आईआईटीआर को इतनी उम्मीदें सौंपने के लिए सभी हितधारकों और भागीदारों को धन्यवाद दिया और सभी को आश्वासन दिया कि टीम-आईआईटी आर उनकी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने संस्थान का दौरा करने के लिए अपना बहुमूल्य समय निकालने के लिए मंत्री जी को बहुत धन्यवाद दिया और उल्लेखकिया कि हीरक जयंती समारोह वर्ष न केवल गौरवशाली अतीत को देखने का है, बल्कि समान से विचार करने और भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने का भी प्रतीक है।
इस अवसर पर लखनऊ स्थित सभी सीएसआईआर सहयोगी प्रयोगशालाओं के निदेशक डॉ राधा रंगराजन, सीएसआईआर-सीडीआरआई डॉ अजित शाशनी, सीएसआईआर-एनबीआरआई डॉ प्रबोध त्रिवेदी सीएसआईआर-सीमैप भी मौजूद रहे