फेस्टिवल की शुरूआत हमारे स्वास्थ को लेकर हुई हम जो भोजन खाते हैं, और जिस प्लास्टिक हम उपयोग करते हैं, वह एक गंभीर जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहा है और हमारे शरीर में कई अशुद्धियाँ ला रहा है। हम आपको 100 प्रतिशत रसायन मुक्त नैतिक रूप से खेती वाले जैविक खाद्य और जीवन शैली उत्पादों का उपयोग करके एक जैविक जीवन शैली से परिचित कराते हैं। कम करें-पुनःउपयोग-पुनर्चक्रण की अवधारणा को बढ़ावा देना। यें बातें लखनऊ फार्मर मार्केट के ग्रीन संडे मार्केट पर
सी.ई.ओ लखनऊ फार्मर्स मार्केट ज्योत्सना कौर ने हबीबुल्लाह एस्टेट में कही।
उन्होंने कहा कि “हम उन सभी लोगों को एक मंच प्रदान करते हैं जो देश भर में टिकाऊ उत्पाद बना रहे हैं, किसानों, स्टार्टअप्स, इंजीनियरों जिनका जुनून और टिकाऊ जीवन जीना है, कारीगरों, कलाकारों, पारंपरिक उत्पादों, व्यंजनों और कला रूपों को संरक्षित करने वालों को एक मंच प्रदान करते हैं। बाजार में नियमित रूप से आने वाली सुमिता ने कहा, “अब हम सीधे किसानों और उत्पादकों से सब्जियां, शहद, आटा, अनाज, मसाले, हल्दी, सरसों का तेल, गुड़ और अनाज सहित जैविक कृषि ताजा प्राकृतिक उपज की नियमित आपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं।”
ज्योत्सना कौर ने बताया कि स्थानीय किसानों की जैविक और कृषि ताजी सब्जियां और फल, जैविक और शुद्ध खाना पकाने के आवश्यक तेल, वर्मीकम्पोस्ट, टिकाऊ बांस, पारंपरिक सूती हथकरघा, जैविक अगरबत्ती, अद्भुत कलाकृति, जैविक आम और तरबूज की शानदार विविधता और साथ ही आम का अचार और खाने-पीने के शौकीनों के लिए उपहारों में ताजा बेक्ड साबुत आटे की ब्रेड, कुकीज, ब्राउनी, ग्लूटेन मुक्त कुकीज, क्रैकर, आटा, विशेष चाय और बहुत कुछ, तेल और परिरक्षकों के बिना घर का बना अचार, कपड़े और जूट के बैग और अधिक सहायक महिला उद्यमी शामिल हैं। बांस के उत्पादों से प्लास्टिक को ना कहें और शून्य अपशिष्ट के साथ जीना सीखें, पौधों से अपने पर्यावरण को हरा-भरा बनाएं।
सी ई ओ ने कहा किग्रीन संडे के तीसरे संस्करण में जहां जागरूक उपभोक्ता जैविक और मौसमी किराने का सामान, कृषि उपज और अन्य जैविक और प्राकृतिक उत्पादों का स्टॉक कर सकते हैं।
यह स्वास्थ्य और कल्याण में निवेश करने और समान विचारधारा वाले लोगों के साथ संवाद करने का एक अवसर था। भारतीय घर हमेशा जैविक और स्वस्थ रहे हैं। हमारे विज्ञान और हमारी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए, लखनऊ किसान बाजार जैविक और प्राकृतिक जीवन शैली की हमारी विरासत को वापस लौटने का अवसर प्रदान करता है।
ज्योत्सना कौर ने बताया कि लखनऊ फार्मर मार्केट शेफ टेबल पर लोगों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए दिखाया गया है कि कैसे हमारे स्थानीय और जैविक उत्पाद स्वादिष्ट लेकिन स्वस्थ भोजन में तब्दील हो सकते हैं। चखने का मेनू में स्थानीय जड़ी-बूटियों, मसालों, मौसमी साग, सब्जियों और फलों की हमारी संपत्ति का उपयोग करके पारंपरिक व्यंजनों को नौवेल्ले व्यंजनों के साथ जोड़ता है ताकि हम अपने भोजन को स्वादिष्ट एवं स्वास्थवर्धक बना जा सके जो एक दृश्य और स्वादिष्ट दावत हुुई जिसमें शेफ टेबल के मीनू में अनेक तरह के व्यंजन शामिल रहे जैसे-
मैंगो साल्सा के साथ कटहल स्लाइडर (खुले बर्गर)।
पहाड़ी खीरा नाशपाती का सलाद, तुलसी पेस्टो, लबनेह के साथ रागी पटाखे, काले चावल का सलाद, मिठाई, क्रीम चीज फ्रॉस्टिंग के साथ जामुन केक मिनी नींबू और आम के स्कोन आदि।
शाम 5 बजे – डॉली अरोड़ा सूरी सह-संस्थापक प्रेजर्व, डॉ. संजीवनी शर्मा संस्थापक कानपुर प्लॉगर्स फाउंडेशन और ज्योत्सना कौर हबीबुल्लाह सीईओ लखनऊ फार्मर्स मार्केट के साथ स्थिरता पर एक शानदार दिलचस्प बातचीत हुई जिसको विषय ‘‘आइए अपने अधिनियम को साफ करें’’ स्वैप सहित कम करने, पुनः उपयोग, रीसायकल और अपसाइकल’ के लिए लोकप्रिय स्थायी स्वैप को जारी रखा
बांस की अदला-बदली – अपने प्लास्टिक टूथब्रश को बायोडिग्रेडेबल बांस टूथब्रश से बदलें
किताबों की अदला-बदली – पुरानी कहानियों की जगह नई कहानियाँ लें जो आपकी जिज्ञासा जगाती हैं – अदला-बदली के लिए अपनी किताबें लाएँ
साड़ी/दुपट्टा स्वैप – अपना एक साड़ी या दुपट्टा लेकर आएं जिसे आप नहीं पहनती हैं और उसे बदलकर दूसरा ले जाये।
लखनऊ फार्मर मार्केट के अन्तर्गत आयोजित बाज़ार का वातावरण एवं माहौल बहुत ही खुशनुमा रहा इस बाज़ार का सबने खूब लुत्फ उठाया तथा हर आने वाले की रूचि के अनुसार कुछ न कुछ पेश करता था।