बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र में देश के अग्रणी बैंक, ने 77 वां स्वाधीनता दिवस अपने मुख्यालय और सभी क्षेत्रीय व अंचल कार्यालयों के साथ देश भर में अपनी 10000 से ज्यादा शाखाओं में उल्लासपूर्वक मनाया। पीएनबी एमडी एवं सीईओ, श्री अतुल कुमार गोयल ने कार्यपालक निदेशकों, मुख्य महा प्रबंधकों, महा प्रबंधकों व अन्य बैंक कर्मियों की उपस्थिति में पीएनबी के मुख्यालय द्वारका में भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
शहीदों की स्मृतियों का सम्मान करते हुए, श्री अतुल कुमार गोयल, एमडी एवं सीईओ, पंजाब नैशनल बैंक, ने कहा: “लंबी अवधि पहले हमने नियति के साथ साक्षात्कार करते हुए स्वतंत्रता की अखंड ज्योति प्रज्वलित की थी। यह तेजस्वी लौ आज भी जल रही है और हमें अपने योद्धाओं के बलिदान का स्मरण कराती है जिनके बिना हम एक लोकतांत्रिक समाज में नहीं रह रहे होते। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने ब्रिटिश राजतंत्र से युद्ध लड़ा और भारत को स्वतंत्र कराने व भावी पीढ़ी को उज्ज्वल व आशाओं से भरा भविष्य देने के लिए अपना जीवन बलिदान किया। हमारी स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 सालों में भारत ने महत्वपूर्ण आर्थिक व सामाजिक विकास हासिल किया है। वर्ष 1947 में भारत की जीडीपी 2.7 लाख करोड़ रुपये थी। आज हमारी जीडीपी 3.75 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छू रही है और अगले कुछ वर्षों में इसके 5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचने की आशा है। पूर्व के वर्षों की तुलना में अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में भारत का स्थान है और इसके अगले चार सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाने की उम्मीद है। उनकी विरासत हमारे लिए प्रेरणा कि किरण है और हम पीएनबी में लगातार एक एसी दुनिया की कल्पना कर रहे हैं जहां वित्तीय समावेशन, सशक्तिकरण और नवोन्मेष सौहार्द के साथ सह-अस्तित्व में रहेंगे।“
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा: “स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही पीएनबी पीएमजेडीवाई, मुद्रा लोन, किसान क्रेडिट कार्ड, एमएसएमई इकाइयों के लिए फंड के सहयोग और वाहन ऋण जैसी पहल के साथ देश के आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण सहभागी रहा है। अपने डिजिटल परिवर्तन के अंग के तौर पर ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाओं को सुविधाजन व बाधा रहित बनाने के लिए हमने पिछले साल 35 डिजिटल उत्पाद एवं सेवाएं पेश किए। मुझे यह भी घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने पीएनबी के इतिहास में पहली बार वित्तीय वर्ष 2024 के की पहली तिमाही में 22 लाख करोड़ रुपये का व्यवसाय प्राप्त किया जो हमें देश में दूसरी सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बनाती है। पीएनबी के लिए असली आजादी तब आएगी जब हमें एनपीए और एसएमए 1 व 2 से आजादी मिलेगी। हम इकलौते बैंक हैं जिसकी स्लिपेज दर इतनी गिरी है। एक गतिशील व कारपोरेट नागरिक की तरह हमने असेवित व अल्पसेवित समुदायों के उत्थान के लिए सभी कदम उठाएं हैं, लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने व सतत व्यावसायिक लक्ष्यों को पाने में मदद की है और देश की आर्थिक समृद्धि में योगदान दिया है।”
उन्होंने बैंक के वित्तीय प्रदर्शन का भी उल्लेख किया और हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, आजादी के आंदोलन, वैश्विक संकट जैसे विषयों पर अपनी बात रखते हुए उनसे मिलने वाले सबक के बारे में बताया।
इस अवसर पर पीएनबी ने स्वतंत्रता सेनानी और पीएनबी संस्थापक श्री लाला लाजपत राय को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में राष्ट्रगान के गायन के साथ शपथ ली गयी व स्टाफ की ओर से सांस्कृतिक प्रदर्शन भी हुए।
पीएनबी ने अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत और पीएनबी प्रेरणा के माध्यम से कैंसर रोगियों के घरों पर उनकी बहुआयामी पीड़ा को कम करने के लिए “कैन सपोर्ट” द्वारा 150 मेडिकल विजिट को प्रायोजित करते हुए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। बैंक ने नैशनल एसोसिएशन फॉर दि ब्लाइंड, 30 कंबल व एक वाटर कूलर दान दिया।
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