उमैर ज़फर
बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने कंपनी प्रबंधन में बदलाव के लिए आरबीआई की पूर्व लिखित अनुमति नहीं ली, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर 30 फीसदी से अधिक निदेशकों में बदलाव हुआ। इसके अलावा, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया था लेकिन माकूल जावाब न देने के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 जनवरी, 2024 के एक आदेश द्वारा, बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पुणे (कंपनी) पर कुछ शर्तों का पालन न करने पर ₹5.00 लाख (केवल पाँच लाख रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना राष्ट्रीय आवास अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यें बातें भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने जारी एक बयान में दी।
उन्होंने बताया कि कंपनी का वैधानिक निरीक्षण 31 मार्च, 2022 को उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया गया था और निरीक्षण रिपोर्ट, पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के अलावा, पता चला कि कंपनी प्रबंधन में बदलाव के लिए आरबीआई की पूर्व लिखित अनुमति नहीं ली, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर 30 फीसदी से अधिक निदेशकों में बदलाव हुआ। इसके अलावा, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे कारण बताने की सलाह दी गई थी कि निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए, जैसा कि उसमें कहा गया है।
महाप्रबंधक ने बताया कि नोटिस पर कंपनी के जवाब, उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उपरोक्त वैधानिक निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप प्रमाणित हुआ और कंपनी पर मौद्रिक जुर्माना लगाना जरूरी हो गया।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।