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विकसित भारत में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण आवश्यक-राज्यपाल

अस्पताल मंदिर, मरीज नारायण व डॉक्टर मंदिर की सेवा करने वाले पुजारी
– मनसुख एल0 मांडविया
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मरीज को भगवान मानकर उनकी सेवा करें चिकित्सक
बृजेश पाठक

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का 28वां दीक्षांत समारोह संपन्न
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गुणवत्ता, ज्ञान और कमिटमेंट के आधार पर महिलाओं को उचित अवसर मिले
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बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रीवेंटिव एक्शन जरूरी
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परिश्रम के बिना सफलता नहीं मिलती
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समाज की चिकित्सकों से काफी अपेक्षाएं हैं

सूफिया ंिहंदी

प्रदेश की राज्यपाल व कुलाध्यक्ष आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का 28वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।

राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया।

समारोह में राज्यपाल जी ने चिकित्सा संस्थान में कुल 265 उपाधियों का वितरण किया। जिसमें स्नातक स्तर पर 77, परास्नातक स्तर पर 185 तथा शोध के लिए 03 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की।

समारोह में 150 छात्र व 115 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी। इसके साथ-साथ सबसे अधिक पेटेंट व सबसे अधिक रिसर्च ग्रांट हासिल करने हेतु अवार्ड तथा सव्य साची अवार्ड से शिक्षकों को नवाजा गया। राज्यपाल जी द्वारा बटन दबाकर सभी उपाधियों को डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया।

इस अवसर पर एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक डॉ0 आर0 के0 धीमन द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई।

समारोह में महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑफ हेल्थ साइंसेज नासिक, के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर को मानद उपाधि प्रदान की गई।

माताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि जब बच्चे बड़े होते हैं तो उन्हें माँ की महत्वपूर्ण भूमिका का एहसास होता है कि मां ने उन्हें बड़ा करने में कितना काम किया है। उन्होंने उपस्थित सभी विद्यार्थियों को जिंदगी में माता-पिता, बड़े भाई व परिवार जनों को कभी नहीं भूलने की अपील की। यंे बातें संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के 28वां दीक्षांत समारोह में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का 28वां दीक्षांत समारोह में परिसर में कही।

राज्यपाल जी ने उन्होंने विगत दीक्षांत समारोहों में उपाधि प्राप्त करने में छात्राओं की अव्वल भूमिका की सराहना की। राज्यपाल जी ने कहा कि यदि महिलाओं में गुणवत्ता, ज्ञान और कमिटमेंट है तो उन्हें उचित अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।

उन्होंने हर घर को शुद्ध पानी के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रयासों की सराहना करते हुए महिलाओं से जल संरक्षण हेतु संकल्प लेने की अपील की। राज्यपाल जी ने विकसित भारत 2047 के निर्माण हेतु बच्चों के शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट को रोकना, नियमित स्वास्थ्य की जांच तथा स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि परिश्रम के बिना सफलता कभी नहीं मिलती।

समारोह में विशिष्ट अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल0 मांडविया ने सभी उपाधियां/पदक प्राप्तकर्ताओं को बधाइयां देते हुए कहा कि आज आपका एक जीवन पूर्ण हो रहा है वह दूसरे जीवन का प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर के रूप में माता-पिता व समाज के प्रति दायित्वों का निर्वहन करें। श्री मांडविया जी ने अस्पताल को मंदिर, मरीज को नारायण व डॉक्टर को मंदिर की सेवा करने वाली पुजारी की उपमा दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के प्रति मरीज को भरोसा होता है। उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक स्वस्थ है तभी स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने सभी उपस्थित से अपील करते हुए कहा कि “देश प्रथम“ की भावना से कार्य करें।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने कहा कि दीक्षांत समारोह का जीवन पर बड़ा प्रभाव होता है, जब हमें नई चुनौतियों के लिए तैयार होना पड़ता है। उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार करने व मरीज को भगवान मानकर उनकी सेवा करने की अपील की।

समारोह में महाराष्ट्र विश्वविद्यालय ऑॅॅफ हेल्थ साइंसेज नासिक, के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर ने सभी उपाधि/पदक प्राप्त कर्ताओं को बधाइयां और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए युवा और महिला आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि हमारा नजरिया इलनेस से वैलनेस की तरफ होना चाहिए। विकसित भारत हेतु उन्होंने सक्षम भारत और निरामय भारत बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने चिकित्सा व्यवसाय में शिक्षण, अनुसंधान व जन स्वास्थ्य तथा मरीजों के सेहत रूपी ट्राइंगल को आपस में जोड़ने की अपील की।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि देश अमृत काल में नए संकल्प, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने डॉक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि अमृत काल में मिले हर अवसर का इस्तेमाल करें। उन्होंने सभी डॉक्टर से जिंदगी में हमेशा सीखते रहने की अपील की।
इस अवसर पर समारोह में कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, चिकित्सा विशेषज्ञ एवं चिकित्सकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

 

 

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