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श्री अन्न ऑर्गेनिक उत्पादन में पानी की कम आवश्यकता होती है-मुख्यमंत्री उ0प्र0

न्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में उ0प्र0 मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के अन्तर्गत श्री अन्न महोत्सव तथा राज्यस्तरीय श्री अन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का शुभारम्भ

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले तीन दिनों तक श्री अन्न महोत्सव का कार्यक्रम

‘भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद’ का 34वां स्थापना दिवस

मुख्यमंत्री जी ने कृषकों को श्री अन्न की उन्नतशील प्रजातियों की मिनी किट,
श्री अन्न की खेती कर रहे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थानों के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र,
उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार परियोजनाओं को संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों को चयन पत्र तथा किसानों को पी0ओ0एस0 मशीन

सूफिया ंिहंदी

प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप कृषि क्षेत्र में शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देकर प्रदेश के अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का कार्य कर रही है। श्री अन्न महोत्सव इस दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा।
यें बातें अन्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के अन्तर्गत श्री अन्न महोत्सव तथा राज्यस्तरीय श्री अन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में कही।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ज्यादातर श्री अन्न ऑर्गेनिक हैं। इनके उत्पादन में पानी की कम आवश्यकता होती है। विगत 03 वर्षों से लगभग प्रत्येक परिवार में श्री अन्न की कोई न कोई रेसिपी बननी प्रारम्भ हो चुकी है। अब श्री अन्न से बिस्किट, नमकीन, लड्डू आदि उत्पादों को बनाया जा रहा है। इन उत्पादों की ओर कोई भी व्यक्ति सहज ही आकर्षित हो सकता है। इन उत्पादों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण और प्रचार-प्रसार से लोगों में इनकी मांग बढ़ेगी। वर्तमान में इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को ध्यान में रखकर इस क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्थानों तथा एफ0पी0ओ0 को आज यहां सम्मानित किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को श्री अन्न की उन्नतशील प्रजातियों की मिनी किट उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाना चाहिए। किसानों को इस बार जितना बीज मिनी किट के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है, अगले वर्ष उनसे उतना बीज जरूर लें, फिर उसके अगले वर्ष इससे दोगुने किसानों को बीज उपलब्ध करायें। इससे अधिक संख्या में किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री अन्न को लेकर किसानों की जागरूकता में वृद्धि हुई है। विगत 06-07 वर्षों में श्री अन्न के मूल्य में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। खरीफ की फसल के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में बाजरा का एम0एस0पी0 1,250 रुपये प्रति कुन्तल से बढ़कर 2,500 रुपये प्रति कुन्तल, ज्वार का एम0एस0पी0 1,530 रुपये प्रति कुन्तल से बढ़कर 3,180 रुपये प्रति कुन्तल, रागी का एम0एस0पी0 1,550 रुपये प्रति कुन्तल से बढ़कर 3,846 रुपये प्रति कुन्तल, मक्के का एम0एस0पी0 1,310 रुपये प्रति कुन्तल से बढ़कर 2,090 रुपये प्रति कुन्तल हो गया है। ऐसे अनेक उदाहरण हैं, इससे किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में एक दर्जन कृषि विज्ञान केन्द्र भी नहीं थे। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के रुचि लेने पर कृषि विज्ञान केन्द्रों में सुधार हुआ है। अच्छी प्रतिस्पर्द्धा के साथ आज ज्यादातर कृषि विज्ञान केन्द्र अच्छा कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के चारांे कृषि विश्वविद्यालयों ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है। हमें उपकार जैसी संस्था का भी उपयोग करना चाहिए। कृषि विश्वविद्यालय, उपकार और कृषि विज्ञान केन्द्र मिलकर कार्य करेंगे, तो प्रदेश के 03 करोड़ किसानों के लिए शोध और अनुसंधान के साथ अच्छी क्वॉलिटी के बीज उपलब्ध हो पायेंगे। प्रदेश सरकार प्रोसेसिंग सेण्टर के लिए धनराशि उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के जनपद गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में इण्टरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया गया था। यह ट्रेड शो प्रदेश की पोटेंशियल को प्रदर्शित कर रहा था। इसमें प्रदेश के परम्परागत उत्पादों का प्रदर्शन किया गया था। इस ट्रेड शो में कृषक उत्पादक संगठनों ने अपनी मेहनत से प्रदेश के कृषि क्षेत्र की सम्भावनाओं को प्रस्तुत करने का कार्य किया था।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय श्री अन्न महोत्सव प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रारम्भ हुआ है। श्री अन्न की खेती आदिकाल से भारत में होती रही है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में सप्तधान्य की पूजा होती है। वर्तमान में यह सप्तधान्य कदन्न के रूप में हो गया है। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से श्री अन्न को पोषण से जोड़ने का कार्य किया गया। प्रधानमंत्री जी ने श्री अन्न के गुणों को भारत के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सयुंक्त राष्ट्र संघ में रखे जाने की व्यवस्था की। पूरी दुनिया वर्ष 2023 को अन्तरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रही है।
कार्यक्रम को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद कैप्टन (सेवानिवृत्त) विकास गुप्ता, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ0 देवेश चतुर्वेदी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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