एमएसएमई की सहायता के लिए सिडबी ने टीडीबी के साथ किया समझौता
ऋषि शर्मा
सिडबी ने ऐसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और इसके व्यावसायिक अनुप्रयोग का प्रयास कर रहे हैं या व्यापक घरेलू अनुप्रयोगों के लिए आयातित प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं।.
समझौता ज्ञापन का निष्पादन सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक राहुल प्रियदर्शी और टीडीबी के निदेशक राजेश जैन द्वारा किया गया।
यह समझौता ज्ञापन टीडीबी और सिडबी के नियमों और शर्तों के अनुसार पात्र एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए टीडीबी और सिडबी द्वारा की गई एक संयुक्त पहल है।
टीडीबी के साथ आरंभ की गई इस व्यवस्था के विषय में बोलते हुए सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक राहुल प्रियदर्शी ने कहा सिडबी की प्राथमिकता एमएसएमई पारितंत्र को मजबूत करने और भारत सरकार की मेक इन इंडिया की विचारधारा को साकार करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर है।
भारत के एमएसएमई के वित्तपोषण के साझा-दृष्टिकोण के साथ, सिडबी और टीडीबी की इस संयुक्त व्यवस्था के अंतर्गत संबंधित क्षेत्रों में दक्षता प्राप्त/ विशेषज्ञता प्राप्त एमएसएमई इकाइयों को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
गौरतलब है कि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास हेतु कार्यरत शीर्षतम वित्तीय संस्था है।