लखनऊ के गांधी भवन सभागार, कैसरबाग में राज्य कार्यालय लखनऊ द्वारा ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत भव्य वितरण कार्यक्रम का आयोजन।
मुख्य अतिथि केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने 440 कारीगरों को 710 टूलकिट्स और मशीनों का वितरण किया।
अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘नए भारत की नई खादी’ को सशक्त बनाने की दिशा में ग्रामोद्योग विकास योजना ‘क्रांतिकारी’ कदम।“
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को साकार करने के उद्देश्य से लखनऊ के गांधी भवन सभागार, कैसरबाग में सोमवार को ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत एक भव्य वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने 440 प्रशिक्षित कारीगरों को 710 उपकरण और टूलकिट्स वितरित किए गए। कारीगरों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘नए भारत की नई खादी’ को सशक्त बनाने की दिशा में ग्रामोद्योग विकास योजना ‘क्रांतिकारी’ कदम।
वितरण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न उपकरणों का वितरण इस प्रकार किया गया:
उपकरण
संख्या
विद्युत चालित चाक
200
बी-बॉक्स
300
फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग मशीन
10
फुटवेयर रिपेयरिंग टूलकिट
100
एसी रिपेयरिंग टूलकिट
20
प्लंबर टूलकिट
20
मसाला मेकिंग मशीन
20
टर्नवुड टूलकिट
40
अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने उत्तर प्रदेश राज्य में खादी और ग्रामोद्योग के विकास पर चर्चा करते हुए यह भी बताया गया कि:
राज्य में 500 पंजीकृत खादी संस्थाएं कार्यरत हैं, जिसमें राज्य कार्यालय लखनऊ के अंतर्गत 60 संस्थाएं कार्यरत हैं।
प्रदेश में 1.70 लाख से अधिक कारीगरों और बुनकरों को रोजगार मिल रहा है जिसमें राज्य कार्यालय लखनऊ के अंतर्गत 13762 कारीगर लाभान्वित हो रहे हैं।
ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत पिछले वित्त वर्ष में उत्तर प्रदेश के लगभग 1550 से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हुए थे, वही इस वित्तीय वर्ष 3900 से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य कार्यालय लखनऊ के अंतर्गत 690 लाभार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि वितरण कार्यक्रम के माध्यम से न केवल कारीगरों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की ओर एक नई दिशा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करता रहेगा। उन्होंने आगे बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और पलायन रोकने हेतु, केवीआईसी द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में इस वर्ष 52,300 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें 185.86 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी निर्गत की जा चुकी है। जिसमें राज्य कार्यालय लखनऊ के अंतर्गत 45.86 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी निर्गत की गई है।
कार्यक्रम के दौरान, अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ से खादी की बिक्री और उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। उन्होंने अपने संबोधन में खादी के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस अवधि में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में पांच गुना वृद्धि हुई है, जो 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। खादी कपड़ों की बिक्री में छह गुना वृद्धि हुई है, जो 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 10.17 लाख नये लोगों को रोजगार मिला है। अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खादी कारीगरों की आय में 213% की वृद्धि हुई है। आज खादी केवल कपड़ा नहीं, बल्कि भारत की पहचान बन चुकी है। उन्होंने खादी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर देते हुए बताया कि इस क्षेत्र में 80% से अधिक योगदान माताओं और बहनों का है।
कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थी, खादी कार्यकर्ता समेत उत्तर प्रदेश सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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