बेस रेट में 43 प्रतिशत की वृद्धि, एफएम रेडियो स्टेशनों के लिए शहरवार रेट में भी श्रोताओं की कुल संख्या के आधार पर उल्लेखनीय वृद्धि होगी
पूजा श्रीवास्तव
निजी रेडियों की लम्बी मांग को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मान लिया है जिसका फायादा निजी रेडियों कंपनियों को मिलने जा रहा है।
सितंबर, 2023 में मंत्रालय द्वारा अनुमोदित नई दरों में दिसंबर 2015 से लेकर मार्च 2023 तक की अवधि के लिए बढ़ी हुई लागत को ध्यान में रखते हुए बेस रेट में की गई 43 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है। इस बढ़ोतरी के साथ ही एफएम रेडियो विज्ञापन के लिए सकल बेस रेट 52 रुपये से बढ़कर 74 रुपये प्रति दस सेकेंड हो जाएगा। इस समायोजन का उद्देश्य वर्तमान बाजार दरों के साथ समानता बनाए रखना है। सकल बेस रेट में वृद्धि से देश भर में मौजूदा समय में चालू या कार्यरत 400 से भी अधिक सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी लाभान्वित होंगे।
बेस रेट को बढ़ाने के साथ-साथ मंत्रालय ने शहरवार दरों की गणना के लिए मौजूदा मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को जारी रखने का भी निर्णय लिया है। मूल्य निर्धारण फॉर्मूले में शहर की आबादी और श्रोताओं की कुल संख्या से जुड़े डेटा जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा गया है जो वर्ष 2019 के इंडिया रीडरशिप सर्वे (आईआरएस) से लिया गया है। इस फॉर्मूले के आधार पर बढ़े हुए बेस रेट से लगभग सभी निजी एफएम रेडियो स्टेशन नई अनुशंसित दरों से लाभान्वित होंगे जो काफी हद तक उनके श्रोताओं की कुल संख्या पर निर्भर करेंगी और जो एफएम स्टेशनों और सीबीसी के ग्राहकों दोनों के लिए ही उचित मूल्य प्रदान करेंगी। इस फॉर्मूले के आधार पर 106 स्टेशनों के लिए दरों में 100 प्रतिशत की वृद्धि होगी, 81 स्टेशनों के लिए दरों में 50 से लेकर 100 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी, और 65 स्टेशनों के लिए दरों में 50 प्रतिशत से कम वृद्धि होगी, जिनके लिए श्रोताओं की कुल संख्या उपलब्ध है।
निजी एफएम रेडियो स्टेशनों के लिए दर संरचना समिति का गठन पिछले साल मंत्रालय द्वारा नई दरों का आकलन और सिफारिश करने के लिए किया गया था, जिन्हें आखिरी बार वर्ष 2015 में संशोधित किया गया था। इस समिति ने एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं से इस बारे में आवश्यक जानकारियां प्राप्त करने के अलावा उद्योग विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ कई दौर की बैठकें करने के बाद ही अपनी सिफारिशें पेश कीं।