- आल इण्डिया फेडरेशन आफ टेक्निकल आफिसर एसोसिएशन द्वारा 25वीं रोड सेफ्टी कांफ्रेंस देश में हर एक मिनट में दुर्घटना हो रही है हर 4 मिनट में एक व्यक्ति की मौत और 24 घंटे में 400 लोगों की मौतें हो रही हैं,यह आंकड़े _बहुत_ डरावने है इसको रोकने के लिए सरकार ने फाइन की रकम को 10 गुना तक बढ़ाया है वजह थी कि लोगों के अंदर जागरूकता सजगता और होने वाले आर्थिक दंड से सीखें। *फाइन इस नो रिवेन्यू ।* यह बात दो दिवसीय परिवहन विभाग की सर्वोत्तम प्रथाओं का निष्कर्ष पर प्रेस वार्ता के दौरान ऑल इंडिया फेडरेशन आफ टेक्निकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशफाक अहमद ने उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक निजी होटल में कहीं। उन्होंने कहा कि बैटर रोड मोर एक्सीडेंट हो गया है क्योंकि वाहनों की स्पीड अब मनको से अधिक चलने लगी जिसकी वजह से दुर्घटनाएं तेजी से होने लगी। उन्होंने बताया कि सभी कमर्शियल व्हीकल 80 किलोमीटर रफ्तार से नहीं चल सकते हैं, जबकि प्राइवेट कर वह स्पीडोमीटर के अकॉर्डिंग नहीं चल रहे हैं और ओवरटेकिंग हाई स्पीड दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बना है इस पर लोगों को जागरूक किया जाए।
- अशफाक अहमद ने बताया टू व्हीलर के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षा हेलमेट की होती है और हेलमेट की लोगों की जिंदगी बचाने में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित होता है इसलिए इस बार हमने स्टीलबर्ड कंपनी को अपने कार्यक्रम में लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के लिए स्टॉल लगवाया था ताकि लोग फेक हेलमेट के बारे में जान सके और बच सके, श्री अशफाक ने बताया ओरिजिनल हेलमेट 300 किलोग्राम वजन तक झेल लेता है वही फेक हेलमेट 100 किलोग्राम ताकि झेल नहीं पता है जिसकी वजह से चालक के साथ बड़ी दुर्घटना हो जाती है
*सवाल* स्कूल की बसों में मनको से अधिक बच्चे होते हैं और उनके खिलाफ कारवाइयां क्यों नहीं होती है तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 75 जिलों में अभी 75 अधिकारी भी नहीं है जबकि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 2000 से ज्यादा है तो यही वजह है की इस तरह की कमियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। **दूसरा सवाल* ई टू व्हीलर पर नो आरटीओ लिखा होता है जबकि उनकी रफतारें ज्यादा तेज होती तो उसे पर आरटीओ किस तरह से कार्रवाई करता है इस सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि 25 किलोमीटर की रफ्तार से अधिक चलने वाली हर गाड़ी पर आरटीओ की नजर और कारवाइयां होती हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में टू व्हीलर पर ₹5000 और फोर व्हीलर पर₹100000 तक अनुदान दिया जा रहा है यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की ई व्हीकल पंजीकरण के मामले में नंबर वन पर है।
शिव शंकर सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी, बिजनौर के द्वारा बस बाॅडी कोड के बारे में विस्तार से बताया गया, जे.वी.शाह अस्सिटैन्ट ट्रान्सपोर्ट आॅफिसर, गुजरात ने दिव्यांगजनों के लाइसेन्स और पंजीकरण में सुरक्षा मानदंड, सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार से संबधित योजनाएँ, हिट एण्ड रन मुआवजा और गुड समैरिटन फ्रेमवर्क के बारे में पी.पी.टी. के माध्यम से सभी को विस्तार पूर्वक समझाया, सचिन बोधले, रिजनल ट्रान्सपोर्ट आॅफिसर महाराष्ट्र ने iRAD/eDAR दुर्घटना विश्लेषण और कार्यान्वयन के बारे में सभी डेलीगेट्स को मार्गदर्शित किया, श्री जी संपत कुमार, रिजनल ट्रान्सपोर्ट आॅफिसर तमिलनाडु ने देश भर में परिवहन विभागों में नवीनतम विकास का कार्यान्वयन के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया, श्री विप्लव प्रधान, अस्सिटैन्ट ट्रान्सपोर्ट आॅफिसर पश्चिम बंगाल ने बी.एस. उत्सर्जन मानदंण्ड, हाइब्रिड वाहन और वैकल्पिक ईधन के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया, श्री जीवन कुमार, मोटरयान निरीक्षक, कानपुर देहात ने वाहनों का प्रोटोटाइप अनुमोदन के बारे में जानकारी दिया गया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ तकनीकी सलाहाकार श्री महाराज सिंह द्वारा वाहन रजिस्ट्रेशन, व्हीकल में होने वाले सीएनजी रेट्रो फिटमेंट एवं फिटनेस जारी करने में चेक करने बाले बिन्दुओं पर बिस्तार से प्रशिक्षण दिया गया, उन्होने बताया के वर्तमान में भारत के समस्त राज्यों में ए.टी.एस खोले जा रहे है, जिसमे मोटर व्हीकल इन्स्पेक्टर की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, चेक किये जाने बाले बिन्दुओं मे केवल आठ बिन्दु मशीन द्वारा चेक किये जाते हैं, शेष बिन्दु ए.टी.एस. में विजुअल इन्फेक्शन में चेक किये जाते है, व्हीकल का निरीक्षण सड़क सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए सभी बिन्दुओं को सुक्ष्मता से चेक किया जाए, व्हीकल पंजीयन मे जो महत्वपूर्ण प्रपत्र है, वह अवश्य लिए जायें, वह मानक के अनुरूप है या नहीं उसको चेक सीट के अनुसार चेक किया जायें, प्रशिक्षण के दौरान विस्तार पूर्वक सड़क सुरक्षा संबधी बिन्दुओं पर चर्चाकी गयी, पंजीयन में उपयोग होने वाले प्रपत्रों पर विस्तार से चर्चा की गयी, एवं फिटनेस निरीक्षण के दौरान चेक किए जाने वाले बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी।
कार्यक्रम के दौरान सड़क सुरक्षा बिन्दुओ पर विस्तार पूर्वक सभी संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को अवगत कराया गया, कार्यक्रम संचालन की व्यवस्था श्री प्रमोद कुमार, मोटरयान निरीक्षक, गाजियाबाद द्वारा की गयी साथ श्री संजय कुमार, मोटरयान निरीक्षक, झांसी के द्वारा मंच का संचालन किया गया, प्रशिक्षण के दौरान आल इण्डिया फैडरेशन के अशफाक अहमद (अध्यक्ष), श्री संपत सिहं (महासचिव),श्री सचिन बोधले मुख्य कोआडिनेटर, उत्तर प्रदेश संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सेवा संघ के अध्यक्ष, प्रंशात कुमार, महासचिव, हरिओम, श्वष्णु कुमार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सेवा संघ के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहें।