Breaking News

अल्लामा ज़ीशान हैदर जवादी और रईसुल वाएज़ीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैन की याद में सेमिनार

तंज़ीमुल मकातिब हॉल में अल्लामा ज़ीशान हैदर जवादी और रईसुल वाएज़ीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैन की याद में सेमिनार का आयोज

 

लखनऊ, गोलागंज: तंज़ीमुल मकातिब हॉल, गोलागंज, लखनऊ में देश के दो मशहूर आलिमे-दीन अल्लामा ज़ीशान हैदर जवादी और रईसुल वाइज़ीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैन की याद में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मौलवी नक़ी अब्बास की तिलावत-ए-कुरआन से हुई।

इस अवसर पर आयतुल्लाह सैयद हमीदुल हसन उम्मीदी नज़मिया ने दोनों बुज़ुर्गों की तलब-ए-इल्मी (विद्यार्थी जीवन) पर विस्तार से प्रकाश डाला।

 

तंज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सैयद सफ़ी हैदर ने अल्लामा जवादी और मौलाना कर्रार हुसैन की ज़िंदगी और सेवाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि अल्लामा ज़ीशान हैदर जवादी तंज़ीमुल मकातिब के सदर (अध्यक्ष) और मौलाना कर्रार हुसैन नायब सदर (उपाध्यक्ष) रहे हैं।

 

मौलाना काज़िम मेहदी उरूज ने दोनों आलिमों की इल्मी (शैक्षणिक) और फ़लाही (सामाजिक) सेवाओं पर विस्तार से रोशनी डाली।

 

मौलाना सैयद सबीहुल हुसैन ने कहा कि उन्हें रईसुल वाइज़ीन मौलाना कर्रार हुसैन के साथ जिंदगी गुज़ारने का मौक़ा मिला और उनसे उन्हें बेहद मोहब्बत और अपनापन हासिल हुआ।

 

मौलाना सैयद जवादुल हैदर जूदी ने अपने वालिदे-माजिद (स्वर्गीय पिता) अल्लामा ज़ीशान हैदर जवादी की ज़िंदगी और उनके कार्यों का तफसीली ज़िक्र किया।

 

मौलाना सैयद हुसैन जाफ़र वहब ने अपने वालिद, रईसुल वािइज़ीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैन की जीवनी पर प्रकाश डाला।

 

अंत में, मौलाना कल्बे जवाद ने सभा को संबोधित किया और दोनों आलिमे-दीन की शख्सियत व खिदमात पर रोशनी डाली।

 

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उलमा, छात्रों और समाज के ज़िम्मेदार लोगों ने भाग लिया।

About ATN-Editor

Check Also

केंद्र और राज्य सरकारों को सिखों का प्रतिनिधित्व अनुपात के हिसाब से देना चाहिए-गि० कुलदी प सिंह गडगज” जत्थेदार अकाल तख़्त साहिब

साहिब श्री गुरू अरजन देव जी महाराज दी पावन शहीदी को समर्पित कीरतन समागम केंद्र …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *