36वां स्थापना दिवस: उपकार और आईएसआरआई के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं, कृषि अनुसंधान को विस्तार देने पर बल
विजन 2047 के लिए कृषि क्षेत्र में शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म योजनाओं की आवश्यकत
इजराइली तकनीक, प्राकृतिक खेती और एफपीओ जैसे मॉडल होंगे विस्तार का आधार
कृषि मंत्री ने 725 लाख मीट्रिक टन उत्पादन को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया
युवा वैज्ञानिकों को राज्य स्तर पर किया गया सम्मानित
लखनऊ, 22 जुलाई, 2025
उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईएसआरआई), रायबरेली रोड, लखनऊ में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कृषि वैज्ञानिक सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उपकार एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन सत्र में “विकसित कृषि–विकसित उत्तर प्रदेश@2047” विषय पर आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ किया एवं उपकार को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए बीते 35 वर्षों की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला प्रदेश है जहाँ देश की 11 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर 20 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की उर्वर भूमि, सिंचाई व्यवस्था और संसाधनों को देखते हुए उत्पादन को तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कृषि अनुसंधान को खेत तक पहुँचाना एवं किसानों को नई तकनीक से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 4 कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत हैं और 5वां स्थापना की प्रक्रिया में है, साथ ही 89 कृषि विज्ञान केंद्र भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश को विकसित बनाना होगा। इसके लिए शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म योजनाओं की जरूरत है। इजराइल के सहयोग से स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को विस्तार देने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, उन्नत बीज और तकनीकी आधारित खेती को अपनाने पर विशेष बल दिया।
विशिष्ट अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 2024-25 के खरीफ सीजन में प्रदेश में 14 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को आच्छादित किया गया और 725 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि त्वरित मक्का कार्यक्रम के अंतर्गत 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्का उत्पादन हुआ है। उन्होंने गौ आधारित प्राकृतिक खेती परियोजना समेत मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत अनुसंधान परियोजनाओं का विशेष उल्लेख किया। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि उपकार की क्रियाशीलता को और बेहतर बनाने हेतु आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें महानिदेशक, उपकार भी सदस्य होंगे।
परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता ने उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, प्रमुख सचिव, वैज्ञानिकगण, विश्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञों एवं मीडिया प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए उपकार की उपलब्धियों का संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने उपकार को सांविधिक दर्जा दिए जाने या शासनादेश के माध्यम से अधिक प्रभावी बनाने की मांग भी रखी।
तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र एवं सह-अध्यक्षता डा. ए. के. सिंह, उपमहानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा की गई। सत्र में बुंदेलखंड में कृषि संभावनाएं, प्राकृतिक खेती, एफपीओ की भूमिका, उद्यानिकी जैसे विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्यान हुए और विकसित कृषि की दिशा में सुझाव प्रस्तुत किए गए।
मुख्यमंत्री द्वारा निम्न युवा वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया—
• डा. राजेन्द्र कुमार यादव, निदेशक प्रसार, चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर
• डा. राहुल कुमार सिंह, एसएमएस, केवीके, वाराणसी
• आलोक कुमार सिंह, पीएच.डी. जैव प्रौद्योगिकी, अयोध्या
• अवधेश कुमार यादव, पीएच.डी. कृषि अभियंत्रण, मेरठ
• डा. सुप्रिया, कृषि अर्थशास्त्र विभाग, अयोध्या
• डा. राजर्षि कुमार गौड़, जैव प्रौद्योगिकी, गोरखपुर विश्वविद्यालय
• डा. अनुष्का पाण्डेय, कृषि मौसम विज्ञान, अयोध्या
• डा. अंकुर त्रिपाठी, शस्य विज्ञान, अयोध्या
इसके अतिरिक्त, कृषि मंत्री द्वारा उपकार के 5 कर्मठ कार्मिकों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपकार द्वारा प्रकाशित साहित्य का भी विमोचन किया गया।
इस कार्यक्रम में उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख, उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी, उपकार के महानिदेशक श्री संजय सिंह, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ दिनेश सिंह, कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक तथा एफपीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।