उद्योग और शिक्षा जगत के बीच समन्वयन की आवश्यकता पर विशेषज्ञों ने बल दिया
चंदन पाण्डेय
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के सारस्वत ने देश भर में सार्वजनिक ईवी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के महत्व पर जोर दिया। “दिशानिर्देशों और मानकों में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना शामिल है जिसमें तेल कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ईवी गतिशीलता की सफलता के लिए नवाचारों, प्रौद्योगिकियों, सार्वजनिक निजी भागीदारी और नीतिगत निर्णय की आवश्यकता होगी। ई-मोबिलिटी में समर्थन, अनुसंधान और नवाचारों के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू करने के निर्देश प्राप्त करने के लिए आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि ईवी भारत के शुद्ध शून्य लक्ष्य (नेट जीरो टारगेट) को वास्तविकता बनाने और नए व्यवसाय के विकास में मदद करने में बहुत सहायता कर सकते हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि डीएसटी ने सड़क परिवहन क्षेत्र को कार्बन रहित (डीकार्बाेनाइज) करने के उपायों का व्यापक विश्लेषण करने में अग्रणी प्रयासों का नेतृत्व किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए 100 से अधिक हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के माध्यम से एक व्यापक अभ्यास किया गया । यह रिपोर्ट बैटरी प्रौद्योगिकी (टेक) , विद्युत् (पावर) इलेक्ट्रॉनिक्स और चार्जिंग के बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर केंद्रित है।
प्रो. करंदीकर ने कहा कि कच्चे माल के परिवहन, डिजाइन दक्षता, मूल्य बिंदु और जीवनकाल जैसी प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि “उद्योग और शिक्षा जगत के बीच समन्वयन होने से बाधाओं पर काबू पाने, नवाचार को सुविधाजनक बनाने और ईवी क्षेत्र में स्थायी समाधान लाने में महत्वपूर्ण है। इस सहयोगात्मक प्रयास से प्रगति हो सकती है जिससे दोनों हितधारकों को लाभ होगा और इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक कुशल और व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त होगा ” ।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा श्ईवी विकासरू भारत ई-मोबिलिटी के लिए प्रौद्योगिकी आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करनाश् (ईवी इवोल्यूशन कैटालाइजिंग टेक्नोलॉजी लेड इकोसिस्टम फॉर भारत ई-मोबिलिटी) पर विगत 28 फरवरी 2024 को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के दौरान एक रिपोर्ट जारी की गई थी ।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने इस बात पर बल दिया कि यह रिपोर्ट समाधानों की पहचान करने, बुनियादी ढांचे के विकास और संपूर्ण ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने पर केंद्रित है।
डीएसटी के जलवायु, ऊर्जा और सतत प्रौद्योगिकी (सीईएसटी) प्रभाग की प्रमुख डॉ. अनीता गुप्ता ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। उन्होंने इस परिवर्तन को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए शिक्षा जगत, स्टार्टअप और हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर बीजी फर्नांडीस ने ईवी इवोल्यूशन कैटालाइजिंग टेक्नोलॉजी लेड इकोसिस्टम फॉर भारत ई-मोबिलिटी पर रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी और कहा कि रिपोर्ट बनाने के लिए डीएसटी ने विभिन्न स्तरों पर व्यापक परामर्श किया है और इसने अनुसंधान एवं विकास के अनुप्रयोगों के लिए विशिष्ट सिफारिशें भी प्रस्तावित की हैं। .
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के अवसर पर पूरे दिन की कार्यशाला ‘ई-मोबिलिटी के लिए प्रौद्योगिकी आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करनाश् विषय पर विज्ञान भवन में आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य देश में ई-मोबिलिटी के लिए समर्थन, अनुसंधान और नवाचारों हेतु एक नया और विशेष कार्यक्रम शुरू करने के लिए निर्देश प्राप्त करना था।