लखनऊ । ऐशबाग रामलीला मैदान में हो रही कथा के कथा वाचक आचार्य देवमुरारी बापू ने कथा प्रसंग को बढ़ाते हुए राम नाम की महिमा का वखाने किया। राम नाम कलयुग में व्यक्ति के अंदर विश्वास और शक्ति प्राप्त करने का बहुत बड़ा साधन है राम नाम के सहारे ही भाव कूप में डूबने से बचते हैं और व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है विश्वास के साथ राम नाम का जाप किया जाए तो आज भी राम नाम द्वारा ही सारे मनोरथ पूर्ण किए जा सकते हैं। कथा को आगे बढ़ाते हुए थे देवमुरारी बापू ने कहा तीर्थराज प्रयाग में याज्ञवल्क्य एक और भारद्वाज जी का प्रसंग हुआ और राम कथा गंगा को प्रवाहित किया गया भारद्वाज जी ने याज्ञवल्क्य को श्री राम कथा सुनने से पूर्व शिव जी की कथा सुनाई जिससे की यह विश्वास हो जाए कि जिसको कथा सुनाई जा रही है वह कथा पर विश्वास करता है या नहीं कथा में विश्वास न करने वाले को यह कथा अमृत कभी नहीं सुनना चाहिए चाहे कितना धनवान हो चाहे कितना बड़ा व्यक्ति हो। कथाक्रम में आगे भगवान शिव और पार्वती जी के मनोहारी विवाह का वर्णन किया, विवाह कर में भगवान शिव ने बहुत प्रेत आदि को अपनाया और बाराती बनकर के ले गए भगवान शिव यह संदेश देना चाहते हैं कि संयम रखने वाले व्यक्ति के जीवन में है तो हर प्रकार के लोग उसके साथ देते हैं भगवान शिव त्यागी की भी पराकाष्ठा है व्यक्ति के जीवन में जब त्याग आता है तो राम जी स्वयं उसके द्वारा आकर के खड़े हो जाते हैं शिवजी की कथा हमें संदेश देती है की विवाह में संयम नहीं खोलना चाहिए, जो मिल जाए उसी में संतोष करना चाहिए आज के दौर में दहेज प्रथा चल रही है जो एक कुप्रथा के रूप में हम लोग जानते हैं ऐसे कई उदाहरण राम रामचरितमानस में दिए और शिव जी के विवाह की आरती के पश्चात कथा को विश्राम दिया ।
अखिल भारतीय पत्रकार एसोशिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा, लखनऊ जिला अध्यक्ष संजय सक्सेना
, महासचिव जीतेश श्रीवास्तव, बाजार खाला एसीपी धर्मेन्द सिंह रघुवशी, ऐशबाग चौकी प्रभारी,
गौरव पांडेय , डॉ विनोद अग्रवाल, निर्मल सिंह, दीपक, रिजवान अहमद, सतपाल सिंह, जितेंद्र शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे
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