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अवधी लोकगीत और नृत्य ने बांध सांभा

 

अवध क्षेत्र में अवधी लोकनृत्य गीत की बहार

दीपांजलि संस्था के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान सांस्कृतिक विभाग, लखनऊ में लोकगीत, लोकनृत्य का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि श्री रामलाल वर्मा, जिला महासचिव, भा०ज०पा०, लखनऊ द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।

 

विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री ओम प्रकाश शुक्ला जी, ब्लाक प्रमुख, मोहनलालगंज, लखनऊ तथा श्रीमती विनीता तिवारी, चक्रवीर सिंह उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की मनमोहन प्रस्तुति श्रीमती रिंकी सिंह व श्रीमती किरन के द्वारा देवीगीत (तोहरी शरण हम अवनि हे जगदम्बे मइया) के साथ हुई।

 

तत्पश्चात् सोहर गीत, मेला गीत (बैल गाड़ी मा हमका बिठाय के पिया मेलवा घुमाय दा, बियाह गीत, चैती, खेमटा, नकट, चौमासा, मोरे राजा छतरिया छवावो वो की रस के बूंद पड़ी पर ग्रामीण अंचल की झलक नृत्य के माध्यम से दिखाई दी। किसानी गीत, खेत मा झूमे गहुँवा के डाली जइसे लागे, सोनवा के बाली, सासू पनिया कैसे जाऊँ रसीने दोऊ नैना पर सामुहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। कजरी कइसे खेलन जइबू सावन में कजरिया, बदरिया घिर आई ननदी जैसे गीतों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

नृत्यांगनाओं में योगिता, श्रीयांशी, कंचन, अंजू, मानसी, अश्वनी, नर्तक-शैलेन्द्र शर्मा, ढोलक वादक, प्रियंका सिंह, की-बोर्ड प्लेयर महेश पाल, हारमोरियम पर अनादि खरे, साइड रिदम शैलेन्द्र सिंह अनिल, सह गायिका विनीता व नीलम पाण्डेय ने मनमोहक व हृदयस्पशी चित्रण प्रस्तुत किया।

 

कार्यक्रम का निर्देशन मोहित कपूर के द्वारा किया गया तदुपरान्त कार्यक्रम के समापन की घोषणा एवं आभार ज्ञापन संस्था की अध्यक्ष मंगेश लता द्वारा किया गया।

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