एसबीआई में “अवध का रंग कर्म” विषय पर ज्ञानवार्त्ता कार्यक्रम का आयोजन
पूजा श्रीवास्तव
भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय, लखनऊ में “अवध का रंगकर्म” विषय पर ज्ञानवार्त्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतेन्दु नाट्य अकादमी के पूर्व निदेशक एवं ख्यातिलब्ध रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ की गरिमामयी उपस्थिति रही।
श्री कुलश्रेष्ठ ने अवध क्षेत्र में रंग कर्म के इतिहास और इसकी विभिन्न शैलियों तथा इसके विकास पर क्रमिक प्रकाश डालते हुए अपने व्याख्यान को ऐसा सरस और ज्ञानप्रद रखा कि उपस्थित श्रोताओं ने उनके व्याख्यान का भरपूर रसास्वादन किया।
श्री कुलश्रेष्ठ ने जिस तरह अवध में रामलीलाओं की पृष्ठभूमि पर बात की और फिर उन्नीसवीं सदी में नवाब वाजिद अली शाह के दरबारी अमानत लखनवी की इन्दर सभा से अवध के रंग कर्म को जोड़ते हुए सुरुचिपूर्ण तरीक़े से अपना व्याख्यान दिया, सभाकक्ष में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति उनकी जीवन्त बौद्धिकता का क़ायल हो गया।
इस अवसर पर मण्डल मुख्य महाप्रबंधक शरद स. चांडक ने सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ जी का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया और भारतीय स्टेट बैंक परिवार के लिए समय निकालने और अपने विद्वतापूर्ण वक्तव्य के लिए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
मंडल महाप्रबन्धकगण अरुण कुमार साहू, आनन्द बिक्रम एवं एम.एल.वी.एस. प्रकाश भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
उप महाप्रबन्धक एवं मंडल विकास अधिकारी राजेश कुमार मीणा ने सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कुलश्रेष्ठ का यह व्याख्यान निश्चय ही मंडल के स्टाफ़ सदस्यों को अवध के रंगकर्म के बारे में बहुत सी ज्ञानप्रद बातें बताता है।
अवध में रंग-कर्म का इतिहास कितना पुराना और वैविध्यपूर्ण रहा है, इस व्याख्यान से यह भी ज्ञात हुआ।
उन्होंने यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए राजभाषा विभाग की प्रशंसा करते हुए इसे आगे भी जारी रखने की अपेक्षा व्यक्त की।
कार्यक्रम का संचालन मुख्य प्रबन्धक (राजभाषा) दिवाकर मणि ने किया।