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डॉक्टर फराह अरशद एंडोक्राइन एवं ब्रैस्ट सर्जन सहारा हॉस्पिटल

स्तन कैंसर एक चिंता का विषय है क्योंकि कुछ सालो में ही भारत में कैंसर की जकड़ में आने वाले मरीजों में यह समस्या बहुत बढ़ गई है और विशेषकर कम आयु वर्ग की महिलाओं में भी पायी जा रही है । बड़ी संख्या २५ से ४० वर्ष के आयु वर्ग वाले ज्यादातर महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो रही है । कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी का अंदाजा इससे लगा सकते है कि ६०% रोगी यह नहीं जान पाते कि वह इस बीमारी से ग्रसित है । तीसरी व चौथी स्टेज में जब बीमारी गंभीर रूप ले लेती है और खतरनाक हो जाती है तब उन्हें पता चलता है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है ।

 

स्तन कैंसर को रोक तो नहीं सकते पर जागरूकता से असमय होने वाली मौत को टाला जा सकता है । समय पर रोग का पता चलने से इलाज़ काफी आसान हो जाता है ।

 

इसलिये किसी भी प्रकार के संकोच को छोड़कर कैंसर के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। युवतियों को चाहिये कि सप्ताह में एक बार नहाते समय स्तन का अच्छी तरह से जांच करे ।अपने हाथ से देखे की इसमे कोई गाँठ तो नहीं है सूजन,आकार में बदलाव ,निप्पल का अंदर धसना ,गन्दा पानी आना ,बगल में गाँठ होना इन लक्षणों को अनदेखा न करे।

 

कई बार मरीज अंधविश्वास की चपेट में आ जाते हैं। मरीजों को देसी दवाओं व झाड़फूंक से बचना चाहिये और समय पर इलाज़ करवा लेना चाहिए । समय से बीमारी का पता चलने में ऑपरेशन कीमोथेरेपी और रेडियोथेरपी सिकाई से उपचार संभव है ।

 

सहारा हॉस्पिटल लखनऊ की स्तन/ब्रैस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ.फराह अरशद ने बताया कि स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने का तरीका है स्तन जागरूकता कार्यक्रम जिसमे शिक्षा ,परीक्षण अल्ट्रासाउंड और मैमोग्राम जैसी जांच शामिल है। इसके साथ ही साथ जीवन शैली में सुधार करना , फास्ट फूड से दूर रहना ,आहार में ताजे फल सब्जियां लेना , शारीरिक श्रम और व्यायाम योग आदि करना शामिल है क्योंकि इसमें मोटापा भी अहम् भूमिका निभाता है। मातृत्व अवस्था शिशुओं को स्तनपान जरूर करायें। याद रखियें सावधानी ही बचाव है। आप भी दूसरों को प्रेरणा देकर और जागरूक रहकर इस घातक बीमारी से कुछ हद तक बचा सकते हैं ।

 

सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर श्री अनिल विक्रम सिंह जी ने कहा कि हमारे अभिभावक “माननीय सहाराश्री” जी ने सहारा हॉस्पिटल को हर आयु ,हर वर्ग की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही निर्मित करवाया है जिसमें हर प्रकार की बेहतर चिकित्सा उपलब्ध है, साथ ही जागरूक करने के उद्देश्य से समय समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित होते रहते है। इसी के क्रम में ४ अक्टूबर को सहारा हॉस्पिटल में शिविर लगाया जा रहा है जहां लगभग ६०००रूपये तक की जांचें जैसे मैमोग्राफी, छाती का अल्ट्रासाउंड, बी एम डी, सायटोलाजी/पैथोलॉजी, साथ ही छाती रोग महिला विशेषज्ञ द्वारा डाक्टर की सलाह पर बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध होगा ।

श्री सिंह ने बताया कि किसी भी लक्षण के प्रगट होने पर छिपाएं नहीं और न ही डरे बल्कि सही समय पर उपलब्ध चिकित्सा व शिविर सेवाओं का लाभ अवश्य ले ।

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