सहारा हास्पिटल में पीडियाट्रिक सर्जरी डे पर केक कटिंग सेरेमनी और पीडियाट्रिक सर्जरी के एडवांस तकनीक पर हुआ व्याख्यान
सहारा हास्पिटल लखनऊ में शुक्रवार को नेशनल पीडियाट्रिक सर्जरी डे के उपलक्ष्य में पीडियाट्रिक सर्जरी के एडवांस तकनीक की व्याख्या की गई। इसमें विशेषज्ञ वक्ताओं ने कहा कि सर्जरी से नवजात शिशुओं, बच्चों से लेकर किशोरों का इलाज किया जाता है, मुख्य रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, यूरोलॉजिकल सिस्टम और थोरैसिक सिस्टम से संबंधित बच्चों की बीमारियों का उपचार सर्जरी के माध्यम से होता है। इस कार्यक्रम में केक कटिंग सेरेमनी भी मनायी गयी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर श्री अनिल विक्रम सिंह जी ने विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ केक कटिंग सेरेमनी सम्पन्न की। इसके बाद सभा को सम्बोधित करते हुए श्री सिंह कहा कि हमारे अभिभावक माननीय सहाराश्री का विजन रहा है कि कार्य में सदैव निरंतर गुणवत्ता बनाए रखना चाहिए। इसी उद्देश्य पर सहारा हास्पिटल क्रियाशील है, जहां सभी विभागों को इलाज के लिए एडवांस तकनीक से लैस किया गया है।
मुख्य वक्ता के रूप में सहारा हास्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डा. गौरव सिंह ने कहा कि वर्ष 1967 में पहली बार देश में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की स्थापना की गयी, तब से निरंतर इलाज की तकनीक काफी उन्नतशील हुई है। उन्होंने अपने कई जटिल केस में सफलता पाने की तकनीक पर विस्तार से प्रकाश डाला। यह वे केस थे, जिन्हें कई अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया था, क्योंकि इन मरीजों की जान बचना मुश्किल था लेकिन सहारा हास्पिटल में उन्हें नया जीवन मिला। डा. गौरव सिंह ने बताया कि देश में कई चिकित्सा संस्थानों में पीडियाट्रिक सर्जरी में रोबोटिक का प्रयोग करने की कवायद शुरू हो चुकी है और जल्द सहारा हास्पिटल भी सर्जरी शुरू करेगा। रोबोटिक सर्जरी से कई फायदे हैं, इसमें कम रक्तस्राव, कम घाव, कम संक्रमण की आशंका, जल्दी रिकवरी होती है। इस अवसर पर हास्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डा. रोमिल सेठ, पैथालॉजी विभाग की हेड डा. अंजू शुक्ला, बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ डाक्टर एम यू हसन, फिजीशियन डा. एचएन त्रिपाठी, डा. सुनील कुमार, प्रशासनिक अधिकारी सुब्रतो चैटर्जी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।