Breaking News

कार्बन वित्त परियोजनाओं पर हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशाला

 

 

वानिकी प्रशिक्षण संस्थान, कानपुर में एक दिवसीय हितधारकों की परामर्श और क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन मुख्य वन संरक्षक, कानपुर मंडल, कानपुर एवं TERI संस्थान नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

यह कार्यशाला कानपुर सर्कल के तहत कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, कानपुर देहात, इटावा और फ़र्रूख़ाबाद वन प्रभागों में एग्रोफॉरेस्ट्री वृक्षारोपण के माध्यम से नई कार्बन वित्त परियोजनाओं के विकास पर केंद्रित थी।

इस कार्यशाला में मुख्य वन संरक्षक श्री कृष्ण कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्बन वित्त परियोजनाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला। उनके मार्गदर्शन ने कार्यशाला को और अधिक प्रभावी और उद्देश्यपूर्ण बना दिया।

 

कार्यशाला में 49 वन अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें संबंधित प्रभागों के वन संरक्षक भी शामिल थे। सत्रों को संवादात्मक बनाया गया, जिससे प्रतिभागियों ने सक्रिय और उत्साही भागीदारी दिखाई। इस दौरान, कार्बन स्टॉक मूल्यांकन विधियों को समझाने के लिए एक लघु वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया।

 

**परियोजना की विशेषताएँ:**

– परियोजना के तहत किसानों से कोई वित्तीय योगदान नहीं लिया जाएगा।

– वन विभाग पर भी कोई वित्तीय बोझ नहीं होगा।

– परियोजना का पूरा खर्च *VNV संस्था* द्वारा वहन किया जाएगा, जो कार्बन व्यापार के क्षेत्र में कार्यरत है।

– *TERI संस्था* इस परियोजना को तकनीकी रूप से विकसित करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारने में वन विभाग को सहायता प्रदान करेगी।

– यह परियोजना “वित्तीय प्रदूषक भुगतान सिद्धांत” (*Polluter Pays Principle*) पर आधारित है, जिसके तहत प्रदूषण फैलाने वाली विदेशी कंपनियाँ कार्बन क्रेडिट खरीदेंगी।

– प्रत्येक कार्बन क्रेडिट की कीमत 6 अमेरिकी डॉलर होगी, जिससे किसानों को प्रति पेड़ 60-70 रुपये का लाभ मिलेगा।

 

**कार्यशाला में TERI का योगदान:**

कार्यशाला को समृद्ध बनाने में *TERI* की टीम का विशेष योगदान रहा। *TERI* से डॉ. सैयद आरिफ वाली, डॉ. मोहित, श्री परीक्षित, सुश्री वंशिका, और सुश्री प्रिशा ने परियोजना के तकनीकी पहलुओं को समझाया।

 

**किसानों और वन विभाग की भूमिका:**

– किसानों को अपने एग्रोफॉरेस्ट्री कार्य का दस्तावेजीकरण करना होगा।

– सही जानकारी संबंधित वन विभाग के माध्यम से *TERI* तक पहुँचानी होगी।

– परियोजना का जोखिम फंडर पर होगा, जो अग्रिम निवेश करेगा।

 

यह परियोजना किसानों, वन विभाग, और पर्यावरण संरक्षण के लिए लाभकारी साबित होगी। कार्यशाला में इस योजना को “वास्तविक विन-विन स्थिति” के रूप में प्रस्तुत किया गया।

About ATN-Editor

Anytime news:- Web News portal, weekly newspaper, YouTube news channel,

Check Also

विनीत शारदा ने आक्रोशित होते हुए कहा किसी भी व्यापारी का उत्पीड़न नहीं सहा जाएगा

भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत अग्रवाल शारदा के नेतृत्व में सेंट्रल मार्केट व …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *