Breaking News

कई संक्रमणों से ग्रसित गम्भीर स्थिति में आएं मरीज को मिला नवजीवन 

 

हनुमान गढ़ी के संत राम कृपाल जी बाराबंकी अम्बार के रहने वाले ७० वर्षीय मरीज को सांस फूलने की शिकायत थी। उनकी पल्स भी धीमी थी और उन्हें होश नहीं था । सहारा हॉस्पिटल की इमरजेंसी में भर्ती कराया तो वहीं भर्ती के दौरान ही उनको हार्ट फेलियर हो गया। उनकी स्थिति को तुरंत बिना देरी किए सहारा हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग के डॉक्टर विकास चौधरी ने सीपीआर देकर सांसों को पुनः वापिस लाने के पूरी कोशिश की और तुरंत ही उन्हें वेंटिलेटर पर लिया गया। मरीज को‌ पेशाब नहीं हो रहा था और शरीर में संक्रमण की वजह से किडनी पर प्रभाव था। गुर्दा भी ठीक से काम नहीं कर रहा था।

इनके मैनेजमेंट के बाद सहारा हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉक्टर दीपाली मोहंती ने मरीज को देखने के बाद सबसे पहले शरीर में हुए संक्रमण को नियंत्रित किया फिर श्वास में हुई समस्या के लिए छाती व श्वास रोग विशेषज्ञ डाक्टर मनोज अग्रवाल से मरीज का इलाज करवाने के लिए कहा और उन्होंने अपने अनुभव व प्रयासों से मरीज का श्वास प्रबंधन किया। फिर स्थिति में सुधार के बाद मरीज का वेंटीलेटर हटा दिया। तत्पश्चात किडनी के संक्रमण को (बढ़ा हुआ क्रिएटनीन ) को सहारा हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर वेंकटेश थेमीशेट्टी ने डायलिसिस करके नियंत्रित किया।

कुछ समय आई सी यू में भर्ती रहने के बाद मरीज की स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया । मरीज क्योंकि संत समाज से सम्बंधित थे उनके इलाज में उनके शिष्य ने उनकी हर सम्भव सहायता की और वही मरीज को सही समय पर हास्पिटल लाएं। डाक्टर विकास ने मरीज का जिस तरह से इमरजेंसी में इलाज किया वह बहुत ही सराहनीय है उनके प्रयास से ही मरीज को बचाना सम्भव हो पाया।

 

 

सहारा हॉस्पिटल के राम कृपाल जी सहारा हॉस्पिटल में सफल इलाज पाकर बेहद सन्तुष्ट थे। उन्होंने और उनके शिष्य ने भाव विभोर होकर सहारा हॉस्पिटल के डाक्टरों का ह्रदय से बारम्बार धन्यवाद दिया व साथ ही सहारा हॉस्पिटल के मैनेजमेंट की यहां की त्वरित सेवाओं व सुविधाओं के लिए भूरि भूरि प्रशंसा भी की।

सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार  अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे  अभिभावक सहाराश्री जी ने अपनी सोच को साकार रूप में परिणित कर विश्व स्तरीय हास्पिटल दिया है जहां की इमरजेंसी विभाग, आई सी यू सेवाएं व अनुभवी चिकित्सको की टीम एक ही छत के नीचे उपलब्ध होने से मरीज की गंभीर स्थिति में उनकी जान बचाने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। इस मरीज को इन्हीं सेवाओं, सुविधाओं व कुशल चिकित्सकों की टीम के कारण सफल इलाज मिल सका।

About ATN-Editor

Check Also

लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी ९० प्रतिशत और अन्य तीनों आर्टरी ब्लॉक की सहारा हॉस्पिटल ने बचाई जान

६८ वर्षीय पुरुष मरीज पहले से हाई ब्लड प्रेशर और शुगर से ग्रसित थे और …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *