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भारत माता के सच्चे सपूत श्रद्धेय कल्याण सिंह को मिले भारत रत्न प्रशान्त भाटिया

गुलामी का दंष हमेशा नाम परिवर्तन करने से समाप्त नही होता, कभी कभी फावड़ा और कुदाल भी चलाना पड़ता है रू महंत मिथिलेशनन्दिनी शरणजी

श्रद्धेय कल्याण सिंह की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कल्याण सिंह को भारत रत्न देने की उठी मांग
पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कल्याण सिंह की द्वितीय पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर लखनऊ स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल में श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास द्वारा श्रद्धांजलि सभा एवं एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, केबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद, अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर, गुप्तारघाट के महंत आचार्य मिथिलेशनन्दिनीशरण जी, प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, लखनऊ की पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया, सिंधी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष नानक चंद्र लखमानी, पूर्व नगर अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के चित्र पर पुष्पार्चन कर प्रारम्भ किया।

इस मौके पर श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के जीवन चरित्र पर आधारित रोमांचित कर देने वाली एक लधु चल चित्र का प्रदर्शन भी किया गया, जिसकों देख रोमांचित हुए रामभक्तों द्वारा पूरा हॉल जय श्रीराम एवं कल्याण सिंह अमर रहे के नारों से गुंजामय हो उठा।

श्रद्धेय कल्याण सिंह को मिले भारत रत्न रू प्रशान्त भाटिया
इस मौके पर श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास के अध्यक्ष प्रशान्त भाटिया ने मांग करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण एवं इतिहास के सबसे बड़े कलंक को मिटाने वाले, अयोध्या के वैभव का कल्याण मार्ग प्रशस्त करने वाले भारत माता के सच्चे सपूत श्रद्धेय कल्याण सिंह को भारत रत्न मिले इसकी पुरजोर मांग श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा न्यास भारत सरकार से करता है, इस हेतु न्यास भारत सरकार को मांग पत्र भी प्रेषित करेगा।
प्रशान्त भाटिया ने आगे बताया कि न्यास श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के जीवन पर पर विभिन्न विद्यालयों में निबन्ध प्रतियोगिता प्रारम्भ करेगा जिससे नए भारत मे नई पीढ़ी के अन्दर श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के मूल्य स्थापित हो सके और धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए नवयुवको में भविष्य के नए कल्याण सिंह का निर्माण संभव हो सके। प्रशान्त भाटिया ने आगे कहा कि श्रद्धेय कल्याण सिंह जी की पुण्यतिथि को ष्हिन्दू गौरव दिवसष् के रूप में मनाया जा रहा है इसके लिए न्यास सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार जताता है।

आज अगर अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर बन रहा है तो उसमें नीव की ईट भगवान श्रीराम लला के परम् भक्त श्रद्धेय कल्याण सिंह जी ही है रू संयुक्ता भाटिया
इस मौके पर लखनऊ की पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राजनीति में सत्ता का महात्याग कर अपना आदर्श प्रस्तुत करने वाले श्रद्धेय कल्याण सिंह जी भारतीय राजनीति में वह पुरोधा थे जिन्हें इतिहास कभी नही भूल सकता। कल्याण सिंह जी हमेशा कहते थे ष्सत्ता धमक व इकबाल से चलती हैष् इससे सिस्टम कोलैप्स नही होता। सत्ता के दौरान उनके फैसले स्पष्ट और निडर होते थे। ऐसे में उन्होंने श्री राम मंदिर निर्माण हेतु जनजन की भावनाओं के लिए सत्ता का त्याग कर दिया था। पूर्व महापौर ने कहा कि श्रद्धेय कल्याण सिंह जी प्रतिमा मुझे महापौर रहते हुए नगर निगम के समक्ष स्थापित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसका अनावरण स्वयं माननीय रक्षामंत्री और हम सब के संरक्षक आदणीय श्री राजनाथ सिंह जी ने किया था। यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय है।
पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि आज अगर अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर बन रहा है तो उसमें नीव की ईट भगवान श्रीराम लला के परम् भक्त श्रद्धेय कल्याण सिंह जी की ही है।

बाबू जी ने पूरा जीवन उत्तर प्रदेश और भारत के लिए वंचितों और पीड़ितों की सेवा में लगाया रू ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश वासियो की ओर से श्रद्धेय बाबूजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ, श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास उनकी याद में लगातार कार्यक्रम आयोजित करता है यह सराहनीय है। वास्तव में बाबू जी ने पूरा जीवन उत्तर प्रदेश और भारत के लिए वंचितों और पीड़ितों की सेवा में लगाया थ। वह हमेशा जमीन की राजनीति से जुड़े रहे। वह छोटे से छोटे कार्यकर्ता की चिंता हमेशा करते थे। भव्य श्रीराम मंदिर भी उन्ही की देन है जो जनवरी 2024 में बन कर तैयार हो जाएगा।

भगवान श्रीराम और निषादराज एक दूसरे के पूरक है, बिना निषादराज की कहानी के रामकथा पूरी नही हो सकती संजय निषाद

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि भगवान श्रीराम और निषादराज एक दूसरे के पूरक है, निषाद के बिना रामकथा पूरी नही हो सकती है। कहते है जब जब धर्म की हानि होती है तब श्री राम को किसी न किसी रूप में आना पड़ता है। कल्याण सिंह जी ने अयोध्या के सबसे बड़े कलंक को मिटाने का कार्य किया था। जो हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। लेकिन कितना दुर्भाग्य का विषय है कि एक कलंक को हटाने के लिए 500 वर्ष लग गए। जिस प्रकार से सतयुग में प्रभु श्रीराम ने निषाद राज को गले लगाया था उसी प्रकार से मोदीजी-योगीजी ने 2017 से मुझे गले लगाया है और आज मैं रामराज्य के लिए उनके साथ काम कर रहा हूं।

कल्याण सिंह ने संस्कृति और इतिहास का बड़ा कलंक को ढहायारू महंत आचार्य मिथिलेशनन्दिनीशरन जी

इस मौके पर मुख्य वक्ता अनादि पंचमुखी महादेव मंदिर, गुप्तारघाट के महंत आचार्य मिथिलेशनन्दिनीशरण जी ने कहा कि कल्याण सिंह ने संस्कृति और इतिहास का बड़ा कलंक को ढहाया था, हम सभी हिन्दू समाज को उसके प्रति कृतज्ञता अर्पित करनी चाहिए। कल्याण सिंह जी ने हिन्दू समाज के लिए बहुत बड़ा काम किया था, यह शोध का विषय है। लोग मीडिया के सामने जाकर झूठ बोलते है परंतु कल्याण सिंह जी ने हर जगह स्पष्ट और गर्व से कहा कि मैं गोली नहीं चलाऊंगा, मैं गोली नहीं चलाऊंगा, मैं गोली नहीं चलाऊंगा, उन्होंने हर जगह यही बात कही चाहे वह न्यायालय हो, चाहे वह मीडिया हो या कही और हो, आज जिस भूमि पर विश्व श्रीराम मंदिर की प्रतीक्षा कर रहा था वह भूमि कल्याण सिंह जी के बलिदान के कारण ही संभव हुआ है। बलिदान अकेले होता है और वह बलिदान देने के बाद अकेले हो गए थे। इतिहास में जब भी राजनीति और आस्था टकराई है तब हमेशा राजनीति ही जीती है परन्तु कल्याण सिंह जी वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने आस्था को राजनीति के ऊपर रखा था। स्वामी जी ने आगे कहा कि आज जो हम अनुकूल वातावरण भोग रहे है वह कल्याण सिंह की देन है। समस्त नेताओ को जनता की अपेक्षाओं पर खड़ा होना चाहिए न कि सत्ता बचाने के लिए और कल्याण सिंह जी ने इसे सार्थक कर के दिखाया। उन्होंने कलंक हटाने को कभी दुर्घटना नही कहा। वह कभी पछताये नही, यह कल्याण सिंह जी की ध्येय निष्ठा का ही परिणाम है। आज जब भगवान श्रीराम जी की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है तो उनके नायक के रूप में हम कल्याण सिंह जी को देखते है। भविष्य में हम जब भी भव्य राम मंदिर में प्रभु राम का दर्शन करने अयोध्या जाएंगे तो दर्शन के पश्चात कल्याण सिंह जी का भी धन्यवाद देंगे। कल्याण सिंह जी श्रीराम मंदिर के नायक है। जो पीढियां अपने वंसजो को पूजती है वह महान होती है। प्रधानमंत्री जी ने जो 5 प्रण दिए है वह सभी प्रण कल्याण सिंह जी मे पूर्व में ही निहित है। गुलामी का दंष हमेशा नाम परिवर्तन करने से समाप्त नही होता, कभी कभी फावड़ा और कुदाल भी चलाना पड़ता है, और यही काम कल्याण सिंह जी ने किया था।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, केबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद, श्री अयोध्या धाम से पधारे मिथलेशनन्दिनीशरण महाराजजी, भाजपा प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, लखनऊ की पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया, सिंधी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष नानक चंद्र लखमानी, श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास के अध्यक्ष प्रशान्त भाटिया, महामंत्री प्रशान्त त्रिपाठी, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण लोधी, मध्य विधानसभा के उपविजेता रजनीश गुप्ता सहित श्रद्धेय कल्याण सिंह जी के साथ कार्य किये हुए ऐसे सैकड़ो कार्यकर्ता एवं हज़ारों रामभक्त मौजूद रहे।

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