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वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत 99.8 फीसदी राशन कार्डों को आधार से जुडे़-साध्वी निरंजन ज्योति

वर्तमान में, देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) लाभार्थियों के सही लक्ष्यीकरण के लिए लगभग 99.8फीसदी राशन कार्डों को आधार से जोड़ा गया है। वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना पहले ही देश भर के सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा लागू की जा चुकी है। इसकी शुरुआत के बाद से ओएनओआरसी योजना के तहत लगभग 124 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किए गए हैं, जिसमें देश में लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले अंतर-राज्य और अंतर-राज्य दोनों लेनदेन शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

उन्होंने बताया कि ओएनओआरसी योजना प्रवासी मजदूरों, आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) आदि के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो रही है जो अस्थायी रोजगार की तलाश में अक्सर अपना निवास स्थान बदलते हैं। योजना के तहत, लाभार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ अपने मौजूदा राशन कार्ड/आधार कार्ड का उपयोग करके, देश में कहीं भी, अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने हक का खाद्यान्न उठाने का अधिकार है। ) उपकरण। ओएनओआरसी ऐसे प्रवासी लाभार्थियों के परिवार के सदस्यों को घर (गांव/गृहनगर में) उसी राशन कार्ड पर आंशिक/शेष खाद्यान्न उठाने में सक्षम बनाता है। ओएनओआरसी ने प्रवासी लाभार्थियों/परिवार के सदस्यों को अपने राशन कार्ड में केवल टैग किए गए एफपीएस पर निर्भर हुए बिना अपनी पसंद का कोई भी एफपीएस चुनने की सुविधा प्रदान की है। पारंपरिक पीडीएस के तहत पहले ऐसी लचीलापन उपलब्ध नहीं थी।
सुश्री मंत्री ने बताया कि आधार सीडिंग और एफपीएस पर ईपीओएस उपकरणों की स्थापना के कारण, वर्तमान में, देश में लगभग 97 फीसदी लेनदेन मासिक आधार पर ईपीओएस उपकरणों के उपयोग द्वारा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया जाता सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि किसी भी वास्तविक लाभार्थी/परिवार को पात्र राशन कार्ड/लाभार्थियों की सूची से नहीं हटाया जाएगा और केवल प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों को खाद्यान्न के उनके हकदार कोटा से वंचित नहीं किया जाएगा। आधार संख्या के अभाव में या केवल आधार संख्या न होने के आधार पर, नेटवर्क/कनेक्टिविटी/लिंकिंग समस्याओं या किसी अन्य तकनीकी कारण आदि के कारण बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की विफलता आदि।

हालाँकि, जब तक आधार लाभार्थियों को नहीं सौंपा जाता है, तब तक आठ पहचान दस्तावेजों में से किसी एक का उपयोग पहचान उद्देश्य के लिए किया जाएगा यानी (मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राजपत्रित अधिकारी/ तहसीलदार द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी फोटो के साथ पहचान प्रमाण पत्र) लेटर हेड, डाक विभाग द्वारा जारी नाम और फोटो वाला पता कार्ड, किसान फोटो पासबुक और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य दस्तावेज)।

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