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लोकतंत्र में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका विषय पर संगोष्ठी

लखनऊ, मतदाता जागरूकता मंच के द्वारा लोकतंत्र में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका विषय पर एक प्रबुद्ध नागरिक संगोष्ठी का आयोजन सिटी मांटेसरी स्कूल, गोमती नगर विस्तार में किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री भारत सरकार; मुख्य वक्ता के रूप में हितेश शंकर, संपादक, पांचजन्य तथा विशिष्ट अतिथियों के रूप में न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा , अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश रियल स्टेट अपीलेंट ट्रिब्यूनल, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राधा बहन जी, निर्देशिका ब्रह्माकुमारी लखनऊ, दिलीप बाल्मीकि , प्रमुख यजमान, प्राण-प्रतिष्ठा श्री राम जन्मभूमि, भारती गांधी जी, संस्थापक निदेशक, सिटी मोंटेसरी स्कूल तथा सरदार निर्मल सिंह, अध्यक्ष, केंद्रीय सिंह सभा, लखनऊ उपस्थित थे।

सरदार निर्मल सिंह जी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रबुद्ध वर्ग को पूरा समाज सुनता है इसलिए समाज में उसकी जिम्मेदारी भी अधिक है। सरकार के उनका एक विकास कार्यों को देखते हुए लोगों को अधिकतम मात्रा में मतदान हेतु प्रेरित करने की जिम्मेदारी प्रबुद्ध वर्ग की है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार सिक्ख समाज पंजाब से बाहर निकलकर बड़ी संख्या में पूरे देश में राजनीति में रुचि ले रहा है और इसका श्रेय वर्तमान मोदी सरकार और उसके सिक्खों के सम्मान में किए गए अनेक कार्य हैं। सबका साथ सबका विकास को चरितार्थ करते हुए मोदी सरकार ने सिक्खों का सम्मान बढ़ाया है।
संगोष्ठी की विशिष्ट अतिथि भारती गांधी ने कहा कि राजनाथ जी एक जन्मजात नेता है और जो जन्मजात नेता होते हैं वह लोगों के मन पर शासन करते हैं। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह जी केवल सिंह नहीं है बल्कि परम सिंह है क्योंकि रक्षा मंत्री के रूप में उनके नेतृत्व में भारत की सीमाओं की रक्षा सेना ने कुशलतापूर्वक की है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि राधा बहन जी ने कहा कि हम भारतवासियों के यह संस्कार हैं कि हम कोई भी पर्व साधारण रूप में नहीं मनाते हैं। इसलिए 5 वर्ष के अंतराल पर होने वाले लोकतंत्र के इस महापर्व में हमारा कर्तव्य और अधिकार दोनों बढ़ जाते हैं। हमें सभी को मतदान हेतु प्रेरित करते हुए सब प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को साधना है। उन्होंने कहा विश्व गुरु बनाने के लिए लोकतंत्र का यह पर्व एक महायज्ञ है और हम सब की जिम्मेदारी है कि इस महायज्ञ में अपनी यथासंभव आहुतियां दें।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नयाय मूर्ति देवेंद्र अरोरा ने कहा कि राष्ट्रपति उत्थान में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका सदैव सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वह शेष समाज का मार्गदर्शक है। लोकतंत्र के इस महापर्व में उसकी जिम्मेदारी है कि वह एक अच्छी सरकार बनाने के लिए लोगों को शत प्रतिशत मतदान हेतु प्रेरित करे।उनका कहना था एक न्यायाधीश होने के नाते वह कह सकते हैं कि धारा 370 हटाने की ताकत व हिम्मत केवल इस मोदी सरकार में ही थी।


संगोष्ठी के मुख्य वक्ता हितेश शंकर जी ने अटल जी की कविता श्मैं एक बिंदु परिपूर्ण सिंधु….सुनाते हुए कहा कि वर्तमान लोकसभा चुनाव के जी चौखट पर हम खड़े हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है इसमें प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी मायने रखती है। मैं अकेला क्या कर सकता हूं यदि ऐसा प्रश्न हमारे मन में आए तो हमें स्मरण करना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने हजार वर्षों की पीड़ा झेलकर आज ऐसा क्षण हमारे लिए उपलब्ध कराया है जिसमें हमें केवल एक बटन भर दबाकर एक ऐसी राजनीतिक शक्ति को ताकत देना है जो भारत की रक्षा कर सकती है और हमारी पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित कर सकती है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में दुनिया ने भारत को जिस दृष्टि से देखा है वह अभूतपूर्व है।भारत विश्व की सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो विकास के साथ-साथ अपने मूल्यों और परंपराओं को भी सहेजता हुआ आगे बढ़ रहा है।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति एक अविश्वास का वातावरण बन चुका था, किंतु भाजपा ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। अपनी साफ नीयत और दृढ़ संकल्प के द्वारा भाजपा ने शुचिता पूर्ण राजनीति का उदाहरण प्रस्तुत किया। धारा 370, श्रीराममंदिर समीप अनेक ऐसे मुद्दे हैं जिन पर भाजपा ने संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में भगवान राम अपनी कुटिया से निकलकर महल में विराजे हैं वह विश्वास के साथ कह सकते हैं कि यह रामराज्य का आगाज है। उन्होंने कहा कि सीएए पर भाजपा का रुख बहुत स्पष्ट है और विपक्षी इसे लेकर धार्मिक भेदभाव का जो भी आरोप भाजपा पर लगा रहे हैं वह सरासर गलत है। सीएए भारत में रहने वाले किसी भी धर्म के व्यक्ति की नागरिकता लेने का नहीं अपितु पाकिस्तान अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश में मजहबी आधार पर उत्पीड़ित वहाँ के अल्पसंख्यक हिन्दू सिक्खों, ईसाईयों आदि को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि वह लंबे समय से राजनीति में है किंतु इससे पहले वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक स्वयंसेवक है और इस बात का उन्हें गर्व है। संघ कभी हिंदू मुसलमान की बात नहीं करता वह भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की बात करता है जो भारत को अपनी मातृ भूमि मानता है। माननीय राजनाथ जी ने कहा की राजनीति दो शब्दों से मिलकर बनी है राज और नीति अर्थात ऐसी राज व्यवस्था जो समाज को सन्मार्ग की ओर ले जाए। भारतीय राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में यह शब्द अपने मूल अर्थ को खो चुका था इसे पुनर्स्थापित करने का प्रयास भाजपा कर रही है। उन्होंने कहा भाजपा सरकार बनाने के लिए नहीं अपितु देश बनाने के लिए राजनीति करती है।भाजपा भारत को धनवान, ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने वाला देश बनाना चाहती है। 2004 में अर्थव्यवस्था के आकार की दृष्टि से भारत का विश्व में 11वां स्थान था। यह वह वर्ष था जब अटल जी की सरकार का शासन समाप्त हुआ था। 2004 से 2014 के बीच में यूपीए सरकार ने काम किया और 2014 में भी भारत की अर्थव्यवस्था का स्थान विश्व में 11वें स्थान पर ही अटका रहा। यह मोदी सरकार की अभूतपूर्व उपलब्धि है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर छलांग लगाकर पहुंच चुकी है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, ऐसा विश्व के अनेक जाने-माने अर्थशास्त्री एवं एजेंसियों का मानना है। इन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 2027 तक आते-आते भारत विश्व की सर्वाेच्च तीन अर्थव्यवस्था में से बन जाएगा। ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत ने मोदी सरकार के कार्यकाल में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की है। जिस स्टार्टअप योजना की शुरुआत मोदी जी ने की थी उसके अंतर्गत आज 125000 से अधिक स्टार्टअप भारत में आ चुके हैं। इसी प्रकार भारत में आज यूनिकॉर्न की संख्या 125 से अधिक हो चुकी है। चंद्रयान द्वितीय की सफल लॉन्चिंग हो या रक्षा अनुसंधान क्षेत्र में निरंतर नए युद्ध सामग्रियां एवं उपकरण बनाने की बात हो भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अध्यात्म के क्षेत्र में भी सदैव से विश्व गुरु रहा है और आज पुनः उसी अवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है।उन्होंने अध्यात्म का अर्थ बताया मन का उन्नयन अर्थात मन का बड़ा होना ही अध्यात्म है। वसुधैव कुटुंबकम का संदेश भारत से ही विश्व को मिला है और ऐसा संदेश आध्यात्मिक विकास वाला व्यक्ति ही दे सकता है। भाजपा एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहती है जो धनवान भी हो ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म के क्षेत्र में विश्व का मार्गदर्शन करने वाला भी हो। भाजपा जाति पंथ मज़हब के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती। भाजपा का राजनीतिक सूत्र है- न्याय सबके साथ किंतु तुष्टीकरण किसी का भी नहीं। इसी सोच के कारण आज भारत तेजी से विश्व में आगे बढ़ रहा है। मोदी सरकार से पहले इंटरनेशनल फोरम पर भारत की बातों को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता था। आज स्थिति बदल चुकी है। भारत की बात न केवल गंभीरता से सुनी जाती है अपितु अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विश्व के ताकतवर देश के राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत की ओर आशा भरी निगाह से देखते भी हैं और उससे नेतृत्व लेने की अपेक्षा भी करते हैं। भाजपा सरकार ने समाज कल्याण की अनेक योजनाओं के माध्यम से ऐसे भारत के निर्माण का प्रयास किया है जिसमें बिना किसी धार्मिक भेदभाव के सभी को मकान जल गैस आदि बुनियादी सुविधाओं को प्रदान किया जा सके। आज दुनिया में जितना भी डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहा है उसका 46फीसदी अकेले भारत कर रहा है। उन्होंने कहा की रक्षा मंत्री के रूप में मैं आप सबको आश्वस्त करता हूं कि भारत की सीमाएं वर्तमान सरकार में चहुँओर से पूरी तरह सुरक्षित हैं। आतंकवाद का लगभग सफाया किया जा चुका है। रक्षा उपकरणों में भारत बहुत तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है और अनेक रक्षा उपकरणों का निर्यात भी तेजी से भारत करने लगा है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण की प्रक्रिया भी बहुत जल्दी प्रारंभ हो जाएगी इसके साथ ही डीआरडीओ का एक लैब भी यह बनाया जा रहा है ताकि यहां के मेधावी नए वैज्ञानिकों को एवं छात्रों को वहां से नए स्टार्टअप प्रारंभ करने में सुविधा मिल सके।
संगोष्ठी के अंत में सभी प्रबुद्ध जनों को शत-प्रतिशत मतदान हेतु न्यायमूर्ति देवेंद्र अरोड़ा जी के द्वारा मतदान शपथ दिलाई गई।
संगोष्ठी में हज़ारों की संख्या में समाज के प्रबुद्ध जन शामिल हुए। इसमें अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, उद्यमी, व्यापारी, वैज्ञानिक, चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र के जाने-माने अनेक चेहरे तथा समाज के अन्य क्षेत्रों के प्रबुद्ध वर्ग के लोग उपस्थित थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की क्षेत्र प्रचारिका आदरणीय शशि दीदी जी, प्रशांत भाटिया, अनिल, अमितेश, एच जी एस परिहार, अखिलेश अवस्थी, एस सी पांडेय, सीएससी रवि सिसोदिया, प्रशान्त सिंह अटल, अपर महाधिवक्ता विमल श्रीवास्तव, संदीप बंसल, सावित्री, भारती पांडेय एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे

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