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श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संकल्प की जीत है- केवीआईसी के अध्यक्ष

ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत 120 विद्युत चालित चाक, 350 मधुमक्खीपालन-बॉक्स और 115 टूलकिट वितरित किए गए


अयोध्या धाम में नवनिर्मित राम मंदिर में स्थापित श्री राम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को नए आयाम पर ले जाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने हरियाणा के भिवानी जिले स्थित सिवनी तहसील के झुंपा गांव में श्री राम महोत्सव, खादी संवाद और ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत मशीनरी और टूलकिट्स वितरित किए।
इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद हजारों शिल्पकार, लाभार्थी और स्थानीय लोग अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ क्षण के गवाह बने। केवीआईसी ने बड़ी एलईडी स्क्रीन पर कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के लिए विशेष व्यवस्था की थी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब थे। इस दौरान केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार और हरियाणा सरकार के कृषि, किसान कल्याण व पशुपालन कैबिनेट मंत्री जय प्रकाश दलाल भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में 120 कुम्हारों को बिजली चालित चाक, 35 मधुमक्खीपालकों को 350 मधुमक्खी बक्से, 20 लाभार्थियों को स्वचालित अगरबत्ती मशीनें, 20 को पैडल चालित अगरबत्ती मशीनें, 75 कारीगरों को चमड़े के उपकरण किट और लगभग 40 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

श्री देब ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार खादी और ग्रामोद्योग आयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, जिसके कारण खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है।

केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि अयोध्या धाम में जन्मभूमि पर श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संकल्प की जीत है, जो उन्होंने 1990 के दशक में श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के दौरान लिया था।

केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि देश के सफल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मोदी सरकार की गारंटी अब आत्मनिर्भर और विकसित भारत की गारंटी बन गई है। इसी मार्ग पर चलते हुए केवीआईसी अपनी विभिन्न रोजगार उन्मुख योजनाओं व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के माध्यम से देश में खादी और इसके महत्वपूर्ण स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है और देश के गरीब कारीगरों को स्वरोजगार प्रदान करने के साथ आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिस खादी को पूज्य बापू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वदेशी आंदोलन के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में सबसे प्रभावी हथियार बनाया था, अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खादी के उस पुराने गौरव को फिर से स्थापित करने की जिम्मेदारी उठाई है। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। खादी वस्त्रों का उत्पादन 880 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये और खादी उत्पादों की बिक्री 1,170 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा खादी महोत्सव के दौरान दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित शोरूम में एक दिन में 1.5 करोड़ रुपये और खादी भंडार में एक महीने में 25 करोड़ रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई थी।

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