सरकार ने 15 फरवरी, 2023 को केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) को अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 प्रखंडों के चयनित गांवों के व्यापक विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 से लेकर 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ मंजूरी दे दी है। यह बात गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रामाणिक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन गांवों का व्यापक विकास करना है ताकि लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके और इस प्रकार पलायन को रोका जा सके। इस कार्यक्रम में कृषि, बागवानी, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विरासत, कौशल विकास एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन तथा कृषि/बागवानी, औषधीय पौधों/जड़ी-बूटियों की खेती, सड़क कनेक्टिविटी, आवास एवं ग्रामीण अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा सहित ऊर्जा, टेलीविजन एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी, वित्तीय समावेशन आदि सहित आजीविका के अवसरों के प्रबंधन के लिए सहकारी समितियों के विकास के माध्यम से आजीविका सृजन के अवसर पैदा करने हेतु विभिन्न केन्द्रित उपायों की परिकल्पना की गई है।
गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रामाणिक ने बताया कि विकास के लिए पहचाने गए क्षेत्रों में से एक है विभिन्न पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे को उन्नत कर, समुदाय द्वारा प्रबंधित होम स्टे को बढ़ावा देकर, स्थानीय मेलों एवं त्योहारों का आयोजन कर, पर्यावरण-पर्यटन, कृषि-पर्यटन, कल्याण, वन्य जीवन, आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देकर,स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देकर पर्यटन एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करना।
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि वीवीपी की परिकल्पना तीन स्तरों पर परिणाम संकेतकों से लैस एक परिणाम उन्मुख कार्यक्रम के रूप में की गई है। ये तीन स्तर हैं – गांव, परिवार और लाभार्थी।