साहिब श्री गुरु रामदास जी महाराज का प्रकाश उत्सव मनाया गया सिक्खों के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी महाराज जी का प्रकाश उत्सव श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा नाका हिंडोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया इस अवसर रहिरास साहब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जिसमें हजूरी रागी राजिंदर सिंह ने अमृतमयी कीर्तन एवं शबद **राम दास सरोवर नाते, सब उतरे पाप कमाते।
* शब्द कीर्तन गायंकर समूह संगत को निहाल किया मुख्य ग्रंथि ज्ञानी गुरजिंदर सिंह जी ने साहिब श्री गुरु रामदास जी महाराज के गुरु गद्दी दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आप का जन्म चुना मंडी लाहौर पाकिस्तान में हुआ था आपके पिता का नाम श्री हरिदास जी और माता जी का नाम दया कौर जी था छोटी उम्र में आपके माता-पिता का निधन हो गया तो आपकी नानी जी आपको लेकर “बासरके” में आ गई यहां आकर आपने घुमानिया उबला हुआ चना बेचना शुरू कर दिया गुरु अमरदास जी के दर्शन कर तन मन से उनकी सेवा और गुरु की वाणी पढ़ने और सिमरन करते रहे गुरु अमरदास जी ने आपको गुरु का चक्क” बेसन का कार्य सौपा बाबा बुड्ढा जी को साथ लेकर पहले सरोवर की खुदाई की और नींव रखी दुख भंजन बेरी के पास एक सरोवर बनाया जिसमें सच्चे मन से स्नान करने पर दुख और रोग दूर हो जाते हैं जो आज एक महान तीर्थ स्थल श्री अमृतसर हरमंदिर साहिब के नाम से प्रसिद्ध है जहां देश-विदेश से श्रद्धालु आकर दर्शन करते हैं और सच्चे मन से पवित्र सरोवर में स्नान करके दुख एवं कष्टो से मुक्ति पाते हैं। कार्यक्रम का संचालन सरदार सरबजीत सिंह ने किया दीवान की समाप्ति के उपरांत गुरुद्वारा साहब के महामंत्री सरदार मनमीत सिंह जीने नगर वासियों को साहब श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी और तक पश्चात सरदार हरमंदिर सिंह (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) सरदार दलजीत सिंह (कार्यालय सचिव) की देखरेख में समूह संगत में गुरु का लंगर वितरित किया गया इस कार्यक्रम में सरदार सुरेंद्र पाल सिंह बक्शी कोषाध्यक्ष सरदार दविंदर सिंह सरदार आजा पाल सिंह उपस्थित रहे