वित्त मंत्रालय निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग वर्षां समीक्षा 2025
एनीटाइम न्यूज नेटवर्क। सीपीएसई से उच्च लाभांश प्राप्ति केंद्र सरकार अपनी हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों से लगातार काम कर रही है उसके बावजूद उसका मुनाफा दर-साल हर साल इजाफा हो रहा है यदि केंद्र सरकार की अपनी हिस्सेदारी शत प्रतिशत होती तो शायद मुनाफा भी दो से तीन गुना अधिक होता लेकिन उसे पर यह सफाई की कुशल पूंजी प्रबंधन से मुनाफा वसूली बहुत हुई है। विनिवेश के माध्यम से सीपीएसई में सरकारी हिस्सेदारी में लगातार कमी के बावजूद, वित्त वर्ष 2020-21 से लाभांश भुगतान में लगातार वृद्धि हुई है । इस वृद्धि का श्रेय सरकार की कुशल पूंजी प्रबंधन नीतियों, बेहतर जवाबदेही तंत्र और विनिवेश लेनदेन के उचित अंतराल को दिया जाता है।
सीपीएसई से प्राप्त लाभांश गैर-कर राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। लाभांश भुगतान पर वर्तमान में सीपीएसई द्वारा पूंजी प्रबंधन और लाभांश की निगरानी के लिए गठित अंतर-मंत्रालयी मंच (सीएमसीडीसी) में एक व्यवस्थित तरीके से
पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सीपीएसई से प्राप्त कुल लाभांश में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो प्रत्येक वर्ष संबंधित संशोधित अनुमानों (आरई) से अधिक रही है:–
| वित्तीय वर्ष | संशोधित अनुमान (आरई) (करोड़ रुपये) | वास्तविक लाभांश प्राप्ति (करोड़ रुपये) |
| 2020–21 | 34,717 | 39,750 |
| 2021–22 | 59,294 | 46,000 |
| 2022–23 | 43,000 | 59,533 |
| 2023–24 | 50,000 | 64,000 |
| 2024–25 | 55,000 | 74,017 |
यह सीपीएसई द्वारा लाभांश भुगतान में महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है, जो प्रभावी पूंजी प्रबंधन और बेहतर वित्तीय प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करता है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) लेनदेन
डीआईपीएएम ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए मूल्य सृजन हेतु बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) का भी उपयोग किया। एमडीएल में भारत सरकार की 84.83 प्रतिशत हिस्सेदारी में से ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड’ में चुकता इक्विटी के 3.61 प्रतिशत हिस्से का बिक्री प्रस्ताव के माध्यम से विनिवेश 4 अप्रैल 2025 को गैर-खुदरा श्रेणी के लिए और 7 अप्रैल 2025 को खुदरा श्रेणी के लिए शुरू किया गया। अधिक सदस्यता को देखते हुए, गैर-खुदरा श्रेणी के तहत ग्रीन शू विकल्प का प्रयोग किया गया। ग्रीन शू विकल्प आईपीओ अंडरराइटिंग समझौते में एक प्रावधान है जो अंडरराइटर को मूल रूप से नियोजित की तुलना में अधिक शेयर बेचने का अधिकार देता है। सरकार ने इस लेनदेन से 3,673.42 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बिक्री प्रस्ताव के बाद शेयरों के बाजार मूल्य में आम तौर पर तेजी देखी गई है, जिससे निवेशकों को पूंजीगत लाभ हुआ है।
केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में मूल्य सृजन: नेतृत्व और क्षमता निर्माण
केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में मूल्य सृजन की अपनी व्यापक पहल के अंतर्गत, डीआईपीएएम ने इन उद्यमों के नेतृत्व और संचार क्षमताओं को बढ़ाने के लिए केंद्रित प्रयास किए। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के सहयोग से, डीआईपीएएम ने 17 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में नेतृत्व संचार कौशल संवर्धन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य वित्त, व्यवसाय विकास, रणनीति और संचार से जुड़े सीपीएसई अधिकारियों को सशक्त बनाना था, विशेष रूप से निवेशकों और वित्तीय विश्लेषकों के साथ उनके संवाद में। इसने प्रतिभागियों को संचार संबंधी कमियों की पहचान करने और प्रशिक्षण सत्रों तथा वास्तविक दुनिया के अनुभवों के अनुकरण में भाग लेने में सक्षम बनाया।
विभाग ने 29 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा निगम (एनएसई) द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आयोजित वित्तीय बाजारों की बुनियादी बातों पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का भी सफलतापूर्वक आयोजन किया।
लाभांश प्रदर्शन में निरंतर सुधार, सफल बाजार-आधारित विनिवेश और लक्षित क्षमता निर्माण के माध्यम से, 2025 में डीआईपीएएम की पहलों ने राजकोषीय मजबूती को सुदृढ़ किया, निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा दिया और इन उद्यमों में दीर्घकालिक मूल्य सृजन को आगे बढ़ाया।
विचार-विमर्श किया जाता है। पिछले पांच वर्षों में सीपीएसई द्वारा लाभांश भुगतान में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
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