राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में रट्टामार कर पढ़ने का दौर खत्म समझकर पढ़ना होगा- देवेन्द्र कुमार द्विवेदी
बीबीएयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तृतीय वर्षगाँठ पर हुआ प्रेस कॉन्फ्रेंस
पूजा श्रीवास्तव
एनईपी-2020 के तहत, छात्रों को अध्ययन के लिए विषयों का चयन को और अधिक आसान कर किया गया है, जिससे 21वीं सदी के कुशल और सर्वांगीण व्यक्तित्व का सृजन होता है। इस का मूल्यांकन इस तरह कर सकते है पास आउट लोगों को शत प्रतिशत रोजगार मिल रहा है। यें बातें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तीन वर्ष पूरा होने पर बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू),आईआईएम लखनऊ,केन्द्रीय विद्दालय और नवोदय विद्दालय के द्वारा एक साझा प्रेसवार्ता में बीबीएयू के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने परिसर के मीटिंग हाल में कही।
बीबीएयू के कुलपति ने कहा कि स्नातक आनर्स एवं स्नातक आनर्स ( रिसर्च) के चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम की शुरुवात करते हुए विश्वविद्यालय ने मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट और “ च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम” (सीबीसीएस) के प्रावधान के साथ विश्वविद्यालय के यूजी पाठ्यक्रमों के साथ ही परास्नातक (पीजी) स्तर पर पाठ्यक्रमों में बदलाव लाते हुए विश्वविद्यालय के 40 विभागों और 88 कार्यक्रमों में एन ई पी 2020 के अनुसार संशोधित एवं संवर्धित पाठ्यक्रम लागू किया है।
आचार्य संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयास कर रहा है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुये आई आई एम लखनऊ की निदेशक अर्चना शुक्ला ने कहा कि आईआईएम लखनऊ ने एंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन में पहला एमबीए प्रोग्राम 16 महीनों का डिजाइन किया है। आईआईएम लखनऊ द्वारा तैयार किया गया यह प्रोग्राम देशभर के किसी भी आईआईएम द्वारा ऑफर किए जाने वाले प्रोग्रामों में अपनी तरह का पहला प्रोग्राम इस एमबीए प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को सफल उद्यमी बनने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना है।
प्रो. अर्चना शुक्ला ने कहा, आईआईएम लखनऊ ने हमारे दो सफल इन्क्यूबेटरों के साथ एक उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है। यह कार्यक्रम अद्वितीय है क्योंकि यह कौशल विकास पर आधारित है और इसका उद्देश्य उद्यमशीलता की भावना को उजागर करना है। पाठ्यक्रम में एमबीए उद्यमशीलता ज्ञान और कौशल (50 प्रतिशत) और उद्योग इनपुट, विसर्जन और सलाह (50 प्रतिशत) के दर्शन और शिक्षाशास्त्र पर आधारित है। बहु-अनुशासनात्मक पाठ्यक्रम स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए प्रासंगिक सामग्री और सामग्रियों के साथ प्रबंधन और संबद्ध क्षेत्रों के सभी क्षेत्रों को कवर करेगा।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय विद्यालय संगठन, ( उपायुक्त) लखनऊ संभाग देवेन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 29 जुलाई 2023 को आईटीपीओ, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करेंगेद्य इसी दिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ भी है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालयद्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी विभिन्न पहलों की शुरुआत करेंगे।
नवोदय विद्यालय के डिप्टी कमिश्नर एस के माहेश्वरी ने चर्चा के दौरान कहा कि उभरते भारत के लिए पीएम स्कूल (पीएम एस एच आर आई) ये स्कूल न केवल संज्ञानात्मक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बल्कि 21वीं सदी के प्रमुख कौशल से लैस समग्र और सर्वांगीण व्यक्तियों का निर्माण भी करते हैं। इन स्कूलों में शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन को अधिक अनुभवात्मक, समग्र और योग्यता आधारित बनाया गया है।
श्री माहेश्वरी ने बताया कि यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमें सभी श्रेणियों के स्कूल यानी प्राथमिक, प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। इस योजना को 27,360 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2022-23 से 2026-27 तक 5 वर्षों की अवधि में लागू करने का प्रस्ताव है। पहले चरण में 30 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों/संस्थानों (यानी, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय) के कुल 6448 स्कूलों को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से प्रारंभिक स्तर की शिक्षा में भी आवश्यक बदलाव किये गए हैं जो कि एक सकारात्मक प्रयास है। आज के समय में लगाये गये इन बीजों का फल भविष्य में देखने मिलेगी।
बीबीएयू में एनईपी 2020 क्रियान्वयन समिति की चौयरपर्सन प्रो संगीता सक्सेना ने विश्वविद्यालय द्वारा एन ईपी के संदर्भ में किये गए कार्यों एवं विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के बारे में चर्चा की एवं भविष्य में निर्धारित लक्ष्यों को सभी को बताया।
रजिस्टार डॉ० अश्विनी कुमार सिंह ने सभी मीडिया मित्रों को धन्यवाद दिया ।