सिडबी और आईपीपीबी ने अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों के विकास के लिए समझौता ज्ञापन
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने एमएसएमई, विशेष रूप से देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित उद्यमों के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाओं और अन्य सहायता सेवाओं के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक रणनीतिक भागीदारी की शुरुआत की है। सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सिवसुब्रमनियन रमण और आईपीपीबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे वेंकटरामू ने भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी तथा भारत सरकार के डाक विभाग के डाक सेवा बोर्ड की सदस्य(बैंकिंग एवं डीबीटी) वंदिता कौल की गरिमामयी उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस भागीदारी का उद्देश्य मौजूदा विनियमों के अंतर्गत आईपीपीबी की ग्रामीण पहुंच और ग्रामीण स्तर पर जन-समुदायों के साथ गहराई से जुड़ने तथा ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अनौपचारिक एवं सूक्ष्म उद्यमों तक पहुंचने में सिडबी के ऋण और ऋण जोखिम मूल्यांकन मॉडल का लाभ उठाना है। आईपीपीबी अपनी मर्चेंट ऑनबोर्डिंग प्रणाली और यूपीआई, क्यूआर आधारित समाधान, आदि जैसे विभिन्न समाधानों के माध्यम से भुगतान प्रकिया को डिजिटल बनाने में सिडबी के ग्राहकों को भी सहयोग प्रदान करेगा। दोनों संस्थान सूक्ष्म उद्यमों को ऋण और अन्य सेवाओं में सहायता पहुंचाने हेतु डाक सेवकों के कौशल-उन्नयन के लिए संयुक्त कार्यक्रम भी संचालित करेंगे। वे आपसी हित के अन्य क्षेत्रों की पहचान करने के लिए संयुक्त रूप से मिलकर काम करेंगे और अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों पर विशेष ध्यान देते हुए देश भर में एमएसएमई और एमएसएमई पारितंत्र को सहयोग प्रदान करने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित करेंगे।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं में नवाचार के लिए फिनटेक समुदाय को भी शामिल करते हुए एक हैकाथॉन आयोजित करने और ग्रामीण आजीविका उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक स्वावलंबन चौलेंज निधि के गठन की भी घोषणा की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए सचिव, डीएफएस ने देश में, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अनौपचारिक और सूक्ष्म उद्यमों को लक्षित करते हुए वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने की दिशा में सिडबी और आईपीपीबी के बीच हुई प्रस्तावित साझेदारी की भावी संभावनाओं पर जोर दिया।
सदस्य(बैंकिंग एवं डीबीटी), डाक विभाग ने आईपीपीबी की स्थापना के बाद से ही, कुछ ही समय के भीतर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय लेनदेन को डिजिटल बनाने के लिए आईपीपीबी द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला।
सिवसुब्रमनियण रमण ने कहा, हम आईपीपीबी के साथ एक उपयोगी और सार्थक साझेदारी की उम्मीद करते हैं, जो देश के लाखों अनौपचारिक ग्रामीण उद्यमों की वित्तीय सेवाओं तक पहुँच और वित्तीय साक्षरता में सुधार करके उन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।“
आईपीपीबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे वेंकटरामु ने वित्तीय समावेशन पहलों को मजबूत करने की संस्थागत इच्छा व्यक्त की। साथ ही, उन्होंने देश में एमएसएमई के लिए प्रमुख वित्तीय संस्था के साथ एक सफल साझेदारी की कामना भी की।